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संस्कृत के पेपर में आए कोर्स से बाहर के प्रश्न

जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : परिषदीय विद्यालयों में गुरुवार को संस्कृत की परीक्षा में किताब से

By JagranEdited By: Published: Thu, 22 Mar 2018 10:30 PM (IST)Updated: Thu, 22 Mar 2018 10:30 PM (IST)
संस्कृत के पेपर में आए कोर्स से बाहर के प्रश्न
संस्कृत के पेपर में आए कोर्स से बाहर के प्रश्न

जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : परिषदीय विद्यालयों में गुरुवार को संस्कृत की परीक्षा में किताब से बाहर के प्रश्न भी पूछे गए। प्रश्न देखकर शिक्षक भी हैरत में रह गए।

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कक्षा तीन की परीक्षा में संस्कृत के पेपर में प्रश्न संख्या पांच में निवारयति शब्द में लकार का नाम पूछा गया। कई शिक्षकों ने कहा कि संस्कृत में कक्षा तीन के पाठ्यक्रम में लकार शामिल नहीं हैं। कई प्रश्न कक्षा तीन के बजाय ऊंची कक्षाओं के स्तर से थे। पाठ के अंत में शामिल अभ्यास कार्य के प्रश्नों के बजाय अलग से प्रश्न पूछे गए। कुछ छात्रों ने कहा कि किताब से जो पढ़ाया गया, वह प्रश्न नहीं आए।

पढ़ाई नहीं, नकल की बुनियाद मजबूत

एक ओर प्रदेश शासन शिक्षा व्यवस्था को नकल मुक्त बनाने की राह पर चल रहा है। वहीं परिषदीय परीक्षा में कुछ शिक्षक पढ़ाई के बजाय बच्चों में नकल प्रवृत्ति की बुनियाद डाल रहे हैं। कहीं किताब रखकर बच्चे कापी पर लिख रहे तो कहीं मास्टर जी ही श्यामपट्ट पर उत्तर लिखकर बच्चों को उतरवा रहे। दरअसल कक्षा पांच की न्याय पंचायत और आठवीं की ब्लाक पर कापी जंचनी हैं। इसलिए कुछ हेडमास्टर रिजल्ट बढ़ाने के लिए बच्चों को नकल करवा रहे।

शमसाबाद में कटरी क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय न्यामतपुर भकुसी में पहली पाली में हमारा परिवेश(विज्ञान) की परीक्षा में एक शिक्षक ने ब्लैक बोर्ड पर पेपर हल कर दिया, बच्चे अपनी उत्तर पुस्तिका में प्रश्नोत्तर उतारने में लगे थे। शिक्षक ने श्याम पट्ट साफ किया तो हेडमास्टर भगवानदास बोले कि बोर्ड पर प्रश्नोत्तर नहीं प्रश्न लिखे थे। वहीं पूर्व माध्यमिक विद्यालय में एक शिक्षक के सामने ही बच्चे किताब खोले लिख रहे थे। नगला मलू के स्कूल में 71 बच्चों में 40 बच्चे अलग-अलग घेरा बनाकर परीक्षा दे रहे थे। पूर्व माध्यमिक विद्यालय बेहटा में 35 में 15 छात्र ही परीक्षा देने पहुंचे। खंड शिक्षा अधिकारियों व जिला समन्वयकों द्वारा इस बार परिषदीय परीक्षा का निरीक्षण न करने से स्थिति और बिगड़ी है।


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