सात माह बाद फिर शुरू हुई चीनी मिल की डिस्टलरी यूनिट
संवाद सहयोगी कायमगंज पहले प्रदूषण के कारणों से तीन वर्ष तक बंद रही कायमगंज चीनी मिल की
संवाद सहयोगी, कायमगंज : पहले प्रदूषण के कारणों से तीन वर्ष तक बंद रही कायमगंज चीनी मिल की डिस्टलरी यूनिट गत वर्ष चली भी, तो कुछ ही दिनों बाद तकनीकी खराबी से बंद हो गई थी। यह डिस्टलरी करीब सात माह बाद फिर से शुरू हो सकी है।
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के नोटिस से चीनी मिल की डिस्टलरी व एथनाल यूनिट तीन वर्ष तक बंद पड़ी रही। इन यूनिटों को फिर से शुरू करने के लिए 26 करोड़ लागत का जेडएलडी (जीरो लिक्यूड डिस्चार्ज) प्लांट लगाया गया। इसके बाद डिस्टलरी व एथनाल यूनिट चलाए जाने का अनापत्ति प्रमाण पत्र मिला तो नवंवर 2020 से यह यूनिट शुरू की गई। कभी वायलर के लिए बगास न होने, कभी श्रमिक समस्या तो कभी तकनीकी खराबी से यह यूनिट घिसट घिसट कर चली। जून 2021 में बायलर में हुई बड़ी खराबी से डिस्टलरी फिर बंद हो गई। जिसे दुरुस्त करने में छह माह से अधिक समय लगा। बताया गया कि 26 करोड़ लागत से प्रदूषण नियंत्रण को लगा जेडएलडी प्लांट तैयार तो हो गया है। जिससे प्रदूषण नियंत्रण व जैविक खाद के अलावा मीथेन गैस के रूप में ऊर्जा का उत्पादन होगा, लेकिन डिस्टलरी न चल पाने से उसका भी ट्रायल नहीं हो सका। बीते चार दिसंबर को लखनऊ से आए चीनी मिलों के एमडी रमाशंकर पांडेय ने 25 दिसंबर तक डिस्टलरी चलाने के निर्देश दिए थे, लेकिन काम पूरा न हो पाने से डिस्टलरी जनवरी के दूसरे सप्ताह में ही चल सकी। डिस्टलरी मैनेजर आरके मिश्रा ने बताया कि डिस्टलरी में उत्पादन कार्य शुरू हो गया है। इसका निकला प्रदूषित पानी प्रक्रिया के तहत जेडएलडी के बायो डायजेस्टर में संग्रहीत हो रहा है। जिससे शीघ्र ही इस प्लांट का ट्रायल भी हो सकेगा।