आठ की जगह 25 माह में भी न लग सका प्रदूषण नियंत्रण प्लांट
संवाद सहयोगी कायमगंज गंगा को प्रदूषण मुक्त रखने के लिए मुख्यमंत्री की घोषणा के तहत कायमगं
संवाद सहयोगी, कायमगंज : गंगा को प्रदूषण मुक्त रखने के लिए मुख्यमंत्री की घोषणा के तहत कायमगंज चीनी मिल की डिस्टलरी में जेडएलडी (जीरो लिक्विड डिस्चार्ज) प्लांट आठ माह की समयावधि में लगना था, लेकिन संबंधित कंपनी 25 माह में भी इस काम को पूरा नहीं कर सकी। डिस्टलरी व एथनॉल यूनिट बंद पड़ी होने से करोड़ों के उत्पादन व राजस्व को क्षति हो रही है।
कायमगंज स्थित सहकारी चीनी मिल को घाटे से उबारने के लिए लगी डिस्टलरी व एथनॉल (हर्बल पेट्रोल) यूनिटें प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के नोटिस से अप्रैल 2017 से बंद पड़ी है। इन यूनिटों को प्रदूषण मुक्त करने को 26 करोड़ लागत से लगने वाला जेडएलडी प्लांट निर्धारित समयावधि में नहीं लग सका। सहकारी चीनी मिल में तीन दशक पहले लगी डिस्टलरी में शीरा से एल्कोहल के रूप के रेक्टीफाइड स्प्रिट का उत्पादन होता है। वहीं करीब चार वर्ष पहले दूसरे प्लांट एथनॉल यूनिट भी शुरू की गई। चीनी मिल की डिस्टलरी यूनिट उत्पादन प्रक्रिया में प्रतिदिन लाखों लीटर प्रदूषित जल को यूनिट से बाहर निकाल देती थी, जो नालों से बहता हुआ गंगा में ही जाता था। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के नोटिस पर मार्च 2017 में डिस्टलरी व एथनॉल यूनिट में उत्पादन ठप हो गया।
प्रदूषण नियंत्रण के साथ उत्पादन शुरू कराने के लिए सहकारी चीनी मिल संघ लखनऊ से यहां 25.90 करोड़ लागत का जेडएलडी प्लांट का टेंडर पुणे की कंपनी उत्तम एनर्जी को दिया गया। संविदा शर्तों के मुताबिक 9 अगस्त 2018 से शुरू होने वाला यह कार्य 8 अप्रैल 2019 को समाप्त होना था, लेकिन करीब 25 माह बीतने जा रहे हैं, लेकिन अभी तक कार्य पूरा नहीं हुआ है। बताया गया कि इस प्लांट से 800 किलोवाट बिजली का उत्पादन होगा। इससे प्रदूषित पानी की समस्या का निदान होने के साथ बिजली व जैविक खाद उत्पादित होगी। कार्यदायी संस्था उत्तम एनर्जी के कर्मचारी तीन महीने से काम पर नहीं आ रहे है। जिससे काम पूरा होने में विलंब हो रहा है। इससे पहले जब काम चल रहा था, तब छह माह के अंदर तीन बार बायो डायजेस्टर लीक हुआ था। हालांकि कंपनी का करीब सात करोड़ रुपया भुगतान भी बकाया है, जो काम पूरा होने पर ही दिया जाएगा।
- आरके मिश्रा, डिस्टलरी मैनेजर।