Move to Jagran APP

वीरेंद्र देव के आश्रम से बाहर भेजी गई 40 संवासनियां

--- जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : दिल्ली में वीरेंद्र देव दीक्षित के आश्रम में छापेमारी के बाद स

By JagranEdited By: Published: Fri, 22 Dec 2017 07:48 PM (IST)Updated: Fri, 22 Dec 2017 07:48 PM (IST)
वीरेंद्र देव के आश्रम से बाहर भेजी गई 40 संवासनियां
वीरेंद्र देव के आश्रम से बाहर भेजी गई 40 संवासनियां

---

loksabha election banner

जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : दिल्ली में वीरेंद्र देव दीक्षित के आश्रम में छापेमारी के बाद से सिकत्तर बाग स्थित आश्रम में भी गुपचुप गतिविधियां तेज हैं। यहां आश्रम से गुरुवार रात 40 संवासनियां किसी अज्ञात स्थान पर भेज दी गई। इन्हें दो बड़ी जीपों में दूसरी जगह पर भेजा गया। संवासनियों के बैग भी जीपों की छतों पर बंधे हुए थे।

आश्रम के एक बार फिर चर्चा में आने के बाद से मोहल्ले के लोग भी चौकन्ने हैं। रातोरात संवासनियों को बाहर भेजे जाने की भनक लगने पर आसपास के लोग बाहर निकल आए। काफी देर तक वहां हलचल रही। इसके बाद गेट बंद हो गया। आश्रम की तीसरी मंजिल पर बने हॉल में संवासनियां अक्सर धूप लेने के लिए जाती हैं, वहीं पर वे अपने कपड़े सुखाती हैं। आश्रम के आसपास रहने वालों के मुताबिक आश्रम में रोज की तरह शुक्रवार को हलचल नहीं रही। लोगों ने शक जताया कि सीबीआइ की कार्रवाई की आशंका के मद्देनजर आश्रम से संवासनियों को किसी अज्ञात स्थान पर भेजा गया है।

---------

आश्रम पहुंची पुलिस से नोकझोंक

तीन दिनों से चर्चा का केंद्र बने सिकत्तर बाग स्थित वीरेंद्र के आध्यात्मिक ईश्वरीय विश्वविद्यालय में शुक्रवार को तोड़फोड़ होने की सूचना किसी ने यूपी 100 नंबर पर दी। यूपी 100 पुलिस की कई गाड़ियों के अलावा रेलवे रोड और पल्ला चौकी प्रभारी फोर्स लेकर आश्रम पहुंचे। वहां कुछ मीडिया कर्मी बाहर खड़े हुए थे। पुलिस करीब 15 मिनट तक आश्रम का गेट पीटती रही और आवाज लगाती रही, लेकिन अंदर से कोई जवाब नहीं मिला। जिस नंबर से फोन कर सूचना दी गई थी, उस पर भी कॉल रिसीव नहीं की गई। काफी देर बाद चार संवासनियां बरामदे तक आई। आरोप लगाया कि कई लोग दरवाजा पीट रहे थे, गालीगलौज भी की गई। पुलिस ने उनसे कहा कि बाहर कोई नहीं है। दरवाजा खोलने के लिए कहा गया तो संवासनियों ने मना कर दिया। वे अपना नाम बताने को भी तैयार नहीं हुई। पुलिस से उनकी बहस और नोकझोंक हो गई। बाद में पुलिस लौट गई। रेलवे रोड चौकी प्रभारी ने बताया कि तोड़फोड़ की सूचना गलत पायी गई।

---

कंपिल के आश्रम में दूसरे दिन भी नहीं खुले ताले

संवाद सूत्र, कंपिल (फर्रुखाबाद) : कंपिल में गंगा रोड पर वीरेंद्र देव के आश्रम में दूसरे दिन भी ताले नहीं खुले। सीबीआइ अथवा दिल्ली पुलिस टीम के कभी भी यहां पहुंचने की आशंका के चलते आश्रम में सन्नाटा पसरा रहा। आश्रम में मौजूद लोगों को चोरी छिपे दूसरे स्थानों पर भेजे जाने व रिकार्ड दुरुस्त किए जाने की चर्चा है।

शुक्रवार को भी आश्रम के दोनों गेट बंद रहे। आश्रम के इक्का दुक्का लोग ही कुछ समय के लिए बाहर निकले, फिर अंदर चले गए। आश्रम में कितनी महिलाएं व सेवादार हैं, इस बारे में कोई मुंह खोलने को तैयार नहीं है। आश्रम की गतिविधियों की जानकारी के लिए मीडियाकर्मियों व लोगों की भीड़ रही, लेकिन सेवादारों ने गेट नहीं खोले।

----

1998 में पहली बार आश्रम में पुलिस, वीरेंद्र ने छीनी थी राइफल

कोलकाता की युवती व आश्रम की ही चार संवासनियों के वीरेंद्र देव दीक्षित व उनके सहयोगियों पर दुष्कर्म का आरोप लगाने और बिजली चोरी के मामले में 16 मार्च 1998 को पुलिस पहली बार आश्रम में गई थी। वीरेंद्र की गिरफ्तारी को लेकर आश्रम के उसके चेलों व पुलिस के बीच टकराव हुआ था। खुद वीरेंद्र ने पीएसी के एक जवान की राइफल तक छीन ली थी। इसके बाद भी पुलिस व अन्य जांच टीमें कई बार आश्रम में गई, जिनको विरोध झेलना पड़ा। वीरेंद्र देव दुराचार समेत अन्य मामलों में तीन माह की जेल काट चुका है। हाईकोर्ट से जमानत के बाद वह फिर आश्रमों के संचालन में लग गया।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.