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फर्जी नामांकन से शिक्षा विभाग को लग रहा चूना

जागरण संवाददाता फर्रुखाबाद जिले के परिषदीय विद्यालयों में बच्चों के फर्जी दाखिले होने से शिक्षा विभाग को करोड़ों का चूना लग रहा है। शिक्षा विभाग के अफसरों के निरीक्षण में हर बार पंजीकृत बच्चों के सापेक्ष आधे से कम बच्चों की अनुपस्थिति होने के बावजूद कार्रवाई के नाम पर कुछ नहीं होता है। फर्जीवाड़े के इस खेल के चलते करोड़ों रुपये की शिक्षण सामग्री और किताबें स्टॉक में रखे-रखे कबाड़ हो जाती है। इसका नजारा फतेहगढ़ स्थित नरेंद्र सरीन मांटेसरी स्कूल में देखने को भी मिल सकता है। इस स्कूल के कक्षों में 201

By JagranEdited By: Published: Sun, 19 May 2019 08:33 PM (IST)Updated: Mon, 20 May 2019 06:22 AM (IST)
फर्जी नामांकन से शिक्षा विभाग को लग रहा चूना
फर्जी नामांकन से शिक्षा विभाग को लग रहा चूना

जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : जिले के परिषदीय विद्यालयों में बच्चों के फर्जी दाखिले होने से शिक्षा विभाग को करोड़ों का चूना लग रहा है। शिक्षा विभाग के अफसरों के निरीक्षण में हर बार पंजीकृत बच्चों के सापेक्ष आधे से कम बच्चों की अनुपस्थिति होने के बावजूद कार्रवाई के नाम पर कुछ नहीं होता है। फर्जीवाड़े के इस खेल के चलते करोड़ों रुपये की शिक्षण सामग्री और किताबें स्टॉक में रखे-रखे कबाड़ हो जाती है। इसका नजारा फतेहगढ़ स्थित नरेंद्र सरीन मांटेसरी स्कूल में देखने को भी मिल सकता है। इस स्कूल के कक्षों में 2018-19 में बंटने आईं किताबें और बैग आदि कक्षों में भरे पड़े हैं।

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जिले में 1290 प्राइमरी और 565 जूनियर स्कूलों में लगभग 1.42 लाख बच्चे पंजीकृत हैं, लेकिन जो बच्चे पंजीकृत हैं। उनमें काफी हिस्सा फर्जी नामांकन का है। बताते हैं कि शासन की ओ से छात्र नामांकन के लिए दबाव के चलते शिक्षक स्कूलों में फर्जी नामांकन दिखा देते हैं। इसके बाद पंजीकरण के आधार पर ही जूते-मोजे, बैग, किताबें आदि सामग्री मंगवाई जाती है। सरकार करोड़ों रुपये इन पर खर्च कर देती है, लेकिन इस सामग्री को स्टॉक में रखकर कबाड़ बना दिया जाता है। नरेंद्र सरीन मांटेसरी विद्यालय के कई कमरों में वर्ष 2018-19 में मंगवाई गई किताबें व बैग अभी भी स्टॉक में भरे पड़े हैं। वहीं 2019-20 में आई किताबों और जूते-मोजों को भी कमरों में रखवा दिया गया है। वर्ष 2019-20 में भी लगभग 11.74 लाख किताबों का वर्क आर्डर दिया गया, जिसमें से 4.47 लाख किताबें मिल चुकी हैं। सत्यापन के बाद इन किताबों को बंटवाना शुरू किया जाएगा।

विभागीय सूत्रों की मानें तो योजनाओं का लाभ लेने के लिए स्कूलों में फर्जी नामांकन हो जाते हैं। हालांकि वर्ष 2018 से शासन ने फर्जी नामांकन को रोकने के लिए एडमीशन की आनलाइन प्रक्रिया भी शुरू कर दी है। इस संबंध में पूछे जाने पर बीएसए रामसिंह ने बताया कि नरेंद्र सरीन में रखे पुस्तकों के स्टाक का सत्यापन कराया जाएगा।


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