लंबी दूरी की ट्रेनों की संख्या तो बढ़ी पर नहीं बने प्लेटफार्म
फोटो संख्या - 17 - तीन प्लेटफार्म की बढ़नी थी ऊंचाई - पाइप लाइन भी चालू नहीं हो सकी जा
फोटो संख्या - 17
- तीन प्लेटफार्म की बढ़नी थी ऊंचाई
- पाइप लाइन भी चालू नहीं हो सकी जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : कानपुर-मथुरा रेलवे लाइन का आमान परिवर्तन होने के बाद पिछले छह साल में लंबी दूरी की ट्रेनों की संख्या तो बढ़ गयी है, लेकिन उसके अनुपात में मॉडल रेलवे स्टेशन फर्रुखाबाद पर सुविधाएं नहीं बढ़ीं। लंबी दूरी की ट्रेनों के अनुसार प्लेटफार्मों का उच्चीकरण नहीं किया गया। एक मात्र उच्चीकृत प्लेटफार्म नंबर पांच पर ट्रेन की धुलाई के लिये पाइप लाइन लगाई गयी जो शुरू नहीं हो सकी। गौरतलब है कि स्टेशनों पर प्लेटफार्म व वा¨शग पर ध्यान न दिए जाने पर भारत के नियंत्रक व महालेखा परीक्षक (कैग) भी अपनी रिपोर्ट में पिछले दिनों आपत्ति जता चुके है।
ट्रेनों की लेटलतीफी आम बात हो गयी है। पिछले दिनों इसी मुद्दे पर नियंत्रक व महालेखा परीक्षक कैग ने जो रिपोर्ट केंद्र सरकार को दी, वह काबिले गौर है। कैग ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि ट्रेनों की संख्या बढ़ने के अनुपात में रेलवे ने प्लेटफार्म की संख्या, वा¨शग सिस्टम व ट्रेनों की लंबाई के अनुसार प्लेटफार्म की लंबाई नहीं बढ़ाई। इसी के चलते ट्रेनें देर तक आउटर सिग्नल पर खड़ी रहतीं और लेट हो जाती हैं। रेलवे ने मूल समस्या पर ध्यान देने के बजाय स्टेशनों को चमकाने पर अधिक जोर दिया। कैग की इस रिपोर्ट में वास्तविकता नजर आती है। कानपुर-कासगंज-मथुरा के बीच आमान परिवर्तन होने के बाद लंबी दूरी की ट्रेनों संख्या एक दर्जन पहुंच गयी। माडल रेलवे स्टेशन फर्रुखाबाद पर एक मात्र हाईलेवल प्लेटफार्म नंबर पांच का ही निर्माण हुआ। चार अन्य प्लेटफार्म अभी भी काफी नीचे हैं। जिन पर छोटी लाइन की ट्रेन रुकती है। तीन साल से इन प्लेटफार्म की ऊंचाई उठाए जाने का प्रस्ताव है। पिछले दिनों इसकी स्वीकृति भी हो गयी, लेकिन अभी तक धनराशि आवंटित नहीं हुई। प्लेटफार्म नंबर पांच पर गत वर्ष ट्रेनों की धुलाई व पानी भरने को पाइप लाइन लगाई गयी थी, जो अभी चालू नहीं हो सकी है। ट्रेनों की सफाई की भी उचित व्यवस्था नहीं है। जिससे यात्रियों को ट्रेन में चढ़ने व उतरने में दिक्कत होती है। स्टेशन अधीक्षक उमाशंकर कौशिक ने बताया कि तीन प्लेटफार्मों का उच्चीकरण जल्दी कराया जाएगा, उसकी प्रक्रिया चल रही है।