नहीं हो रहा सत्यापन, 300 शिक्षकों का लटका वेतन
जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : प्रशिक्षण योग्यता, टीईटी और फिर लिखित परीक्षा। इतनी बाधाओं से
जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : प्रशिक्षण योग्यता, टीईटी और फिर लिखित परीक्षा। इतनी बाधाओं से पार पाकर प्राथमिक विद्यालय में सहायक अध्यापक की नौकरी मिली, लेकिन वेतन को तरस रहे। यह हाल है जिले के 300 से अधिक परिषदीय शिक्षकों का। शैक्षिक प्रमाणपत्रों व अंकपत्रों का सत्यापन न कराए जाने से इनकी दीपावली तो फीकी रही ही, हाल फिलहाल भी वेतन दूर-दूर तक नजर नहीं आ रहा। 19 नवंबर को बेसिक शिक्षा निदेशक की वीडियो कांफ्रें¨सग के एजेंडे में भी नवनियुक्त शिक्षकों के प्रमाणपत्रों के सत्यापन पर बीएसए से जवाब मांगा जाएगा।
जिले में 345 शिक्षकों को अगस्त में परिषदीय प्राथमिक विद्यालयों में नियुक्तिपत्र मिला था। इनके वेतन भुगतान के लिए हाईस्कूल, इंटरमीडिएट, स्नातक, प्रशिक्षण योग्यता व टीईटी के अंकपत्र व प्रमाणपत्रों का सत्यापन तत्काल कराए जाने के निर्देश निदेशक ने दिए थे। इसके बावजूद जिले में 300 से अधिक शिक्षकों के कोई भी सत्यापन पूर्ण नहीं हो सके। कुछ शिक्षकों के तो हाईस्कूल, इंटरमीडिएट प्रमाणपत्रों के सत्यापन भी नहीं हुए। इस भर्ती प्रक्रिया में पहली बार शिक्षकों का पुलिस वेरीफिकेशन भी मांगा गया है। स्कूल में पढ़ाने के बाद यह शिक्षक व शिक्षिकाएं तीन माह से बीएसए कार्यालय के चक्कर लगाने को भी मजबूर हैं। फिलहाल इन्हें वेतन कब मिलेगा, यह भी कोई बताने को तैयार नहीं है। हालांकि पिछली भर्तियों में पांच में से दो सत्यापन होने के बाद वेतन भुगतान आदेश जारी हो जाते थे। शिक्षक भर्तियों में फर्जीवाड़े के मामले सामने आने के बाद अब पांचों सत्यापन होने के बाद ही वेतन भुगतान करने के आदेश हैं। इसमें भी विभागीय लापरवाही भारी पड़ रही है। इससे इन शिक्षकों को वेतन मिलने में अभी कितना समय और लगेगा, इसका भी अंदाजा नहीं है। पटल प्रभारी से जवाब-तलब
बीएसए राम¨सह ने स्वीकार किया कि नवीन शिक्षकों के अंकपत्र व प्रमाणपत्रों के सत्यापन की समीक्षा की गई है। इस मामले में ढिलाई बरते जाने पर पटल प्रभारी ब्रह्मदेव मिश्रा से जवाब-तलब किया गया है। उन्होंने कहा कि 19 नवंबर को निदेशक की वीडियो कांफ्रें¨सग से पूर्व पुन: इसकी समीक्षा की जाएगी।