बिना बैग स्कूल जाने के नियम से कोई खुश तो किसी ने बताया गलत
जागरण संवाददाता फर्रुखाबाद नई शिक्षा नीति के तहत कक्षा एक से बारहवीं तक के सभी छात्रों
जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : नई शिक्षा नीति के तहत कक्षा एक से बारहवीं तक के सभी छात्रों को महीने में दस दिन बिना बैग स्कूल आने के नियम सरकार ने कर दिए हैं। इसको लेकर कोई अभिभावक खुश हैं तो किसी ने इस गलत बताया है। छात्रों ने इस आदेश की सराहना की है। उनका कहना है कि अब बैग का बोझ पीठ पर नहीं होगा और स्कूल में नई-नई चीजें भी सीखने को मिलेंगी। केंद्र सरकार ने यह लिया निर्णय
केंद्र सरकार ने नई शिक्षा नीति के तहत पहली से बारहवीं कक्षा के सभी छात्रों को महीने में 10 दिन बिना बैग के कक्षा में आने के निर्देश सभी राज्य सरकारों को दिए हैं। देश के सभी स्कूल में इसे लागू करना अनिवार्य होगा। पहली से दसवीं कक्षा के लिए स्कूल बैग का वजन छात्रों के वजन का 10 फीसद ही होगा।
बच्चों को मिलेगी राहत
महीने दस दिन बैग न ले जाने का निर्णय सरकार ने सही किया है। अब बच्चों को बैग के बोझ से राहत मिलेगी। उनकी तीन बेटियां और दो बेटे पढ़ रहे हैं। बैग न ले जान से बच्चों को राहत मिलेगी।
सुशील कुमार उर्फ छोटे, अभिभावक।
नियम का सख्ती से हो पालन
बैग का बोझ कम करना सरकार का अच्छा कदम है। दस दिन स्कूल बैग न ले जाने से बच्चों को काफी राहत मिलेगी। यह नियम पहले भी आ चुके हैं, लेकिन सख्ती से इसका पालन नहीं करवाया जाता है।
धर्मेंद्र कुशवाह, अभिभावक।
छोटे बच्चों के लिए निर्णय हितकारी
बेटी इंटरमीडिएट व बेटा कक्षा पांच में पढ़ता है। दस दिन स्कूल बैग न ले जाने का नियम कक्षा पांच तक के बच्चों के लिए तो ठीक है। छह से बारहवीं कक्षा के बच्चों के लिए स्कूल बैग ले जाना अनिवार्य होना चाहिए।
उमाशंकर वर्मा, अभिभावक। बिना बैग क्या पढ़ेंगे बच्चे
जब बच्चे किताब लेकर स्कूल नहीं जाएंगे तो वह पढ़ेंगे क्या। कक्षा छह से इंटर तक के बच्चों के लिए बैग न ले जाना उनके लिए हितकर नहीं है। ऐसे तो बच्चे स्कूल जाकर खेलकूद में ही लगे रहेंगे।
मुलायम सिंह शाक्य, अभिभावक।
स्कूल में मिलेगा नया अनुभव
नए नियम के चलते कॉलेज जाने को अब हर रोज मानसिक रूप से तैयार होना होगा। बैग के बजाए अन्य जिम्मेदारियां स्कूल से ही उठाने का नया अनुभव मिलेगा। स्कूल बैग से छुटकारा मिलने से राहत मिलेगी।
बॉबी कुशवाहा, छात्र कक्षा 12।
नई-नई चीजें सीखने को मिलेंगी
स्कूल में पढ़ाई के साथ व्यवहारिक चीजें सिखाई जाएंगी, यह सोचकर ही अच्छा लगता है। कॉलेज में किताबी ज्ञान के साथ और भी कुछ सीखने को मिलेगा। बिना बैग स्कूल जाना विद्यार्थियों के लिए हितकर होगा।
तरुण सैनी, छात्र कक्षा नौ।