बेसिक शिक्षा विभाग में कार्रवाई में बरती जाती लापरवाही
केस-1 उच्च प्राथमिक विद्यालय सितौली में तैनात सहायक अध्यापिका श्रद्धा मिश्रा एक फरवरी 2019 से बगैर
केस-1
उच्च प्राथमिक विद्यालय सितौली में तैनात सहायक अध्यापिका श्रद्धा मिश्रा एक फरवरी 2019 से बगैर बताए अनुपस्थित चल रही हैं। बीएसए ने नोटिस भेजकर 20 अगस्त तक योगदान देने के आदेश दिए थे, लेकिन उन्होंने कार्यभार ग्रहण नहीं किया। इस पर बीएसए ने एक पखवारा में कार्रवाई करने की बात कही थी, लेकिन हुआ कुछ नहीं। केस-2
जुलाई 2020 में मैनपुरी में तैनात शिक्षिका अनीता कुमारी पुत्री राधेश्याम का पैनकार्ड व फर्रुखाबाद के प्राथमिक विद्यालय बीबीगंज की प्रधानाध्यापिका अनीता कुमारी पुत्री राधेश्याम का पैनकार्ड एक ही पाया गया था। मामले की जांच कराई गई तो जांच अधिकारी की आख्या में यहां तैनात शिक्षिका फर्जी बताई गई थी। नौ सितंबर को प्रधानाध्यापिका को साक्ष्य देने को बुलाया गया, लेकिन वह नहीं आईं। केस-3
डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय 2004-05 की फर्जी बीएड डिग्री से नौकरी करने वाले व दूसरे के शैक्षिक अभिलेखों से नौकरी पाए जिले के करीब 28 से ज्यादा शिक्षकों को जुलाई में बर्खास्त किया गया था। इनके खिलाफ वेतन रिकवरी के निर्देश बीएसए ने दिए थे, लेकिन वेतन रिकवरी के मामले में अभी तक हुआ कुछ भी नहीं। जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : बेसिक शिक्षा विभाग में कार्रवाई किस तरह लटकाई जाती है। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि ब्लॉक कमालगंज के उच्च प्राथमिक विद्यालय सितौली में तैनात शिक्षिका करीब डेढ़ साल से बगैर बताए अनुपस्थित चल रही हैं और कार्रवाई के नाम पर सिर्फ अधिकारी पत्राचार ही कर रहे हैं। वहीं मैनपुरी व यहां की शिक्षिका का पैनकार्ड एक ही निकलने के मामले में भी अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है, जबकि जांच अधिकारी अपनी जांच आख्या में शिक्षिका को फर्जी भी घोषित कर चुके हैं। इसी तरह बर्खास्त हुए शिक्षकों के मामले में वेतन रिकवरी की कार्रवाई भी अधूरी पड़ी है। शिक्षिका श्रद्धा मिश्रा और शिक्षिका अनीता कुमारी को अंतिम नोटिस जल्द ही भिजवाया जाएगा। इसके बाद उनके खिलाफ सेवा समाप्ति की कार्रवाई होगी। बर्खास्त शिक्षकों की वेतन रिकवरी को लेकर सहायक वित्त एवं लेखाधिकारी से कहेंगे।
- लालजी यादव, जिला बेसिक शिक्षाधिकारी।