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डिमांड के सा बढ़ी दूध में मिलावट, बीमार कर सकता है सिंथेटिक दूध

जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : त्योहारी सीजन में दूध की खपत भी बाजार में बढ़ गई है। मांग क

By JagranEdited By: Published: Fri, 02 Nov 2018 10:28 PM (IST)Updated: Fri, 02 Nov 2018 10:28 PM (IST)
डिमांड के सा बढ़ी दूध में मिलावट, बीमार कर सकता है सिंथेटिक दूध
डिमांड के सा बढ़ी दूध में मिलावट, बीमार कर सकता है सिंथेटिक दूध

जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : त्योहारी सीजन में दूध की खपत भी बाजार में बढ़ गई है। मांग को पूरा करने के लिए मिलावटी दूध की आपूर्ति बढ़ गई है। खोवा व मावा के लिए भी इसका इस्तेमाल हो रहा है। सिंथेटिक दूध सेहत पर प्रतिकूल असर डालता है, मगर मुनाफाखोर पैसों के लालच में हदें लांघ रहे हैं।

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शहर में पराग व अन्य निजी कंपनियां प्रतिदिन 20,000 लीटर से अधिक दूध की सप्लाई करती हैं। इसके अलावा डेढ़ सैकड़ा दूधिया भी प्रतिदिन घरों में दूध की आपूर्ति करते हैं। त्योहारी सीजन में दूध का इस्तेमाल खोवा तैयार करने में हो रहा है। इसकी खपत दोगुना हो गई है। खपत और आपूर्ति का अंतर ¨सथेटिक दूध से पूरा किया जा रहा है।

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कहां-कहां बनता नकली दूध

¨सथेटिक दूध बनाने वालों ने ग्रामीण अंचलों में अपने कारखाने लगा रखे हैं। राजेपुर थाना क्षेत्र के बिर¨सगपुर गांव के आसपास भी नकली दूध और मिलावटी खोवा बनाया जाता है। शहर में एक नामचीन दूध डेयरी के पीछे मोहल्ले में बड़े पैमाने पर नकली दूध तैयार किया जाता है। मोहम्मदाबाद में संकिसा रोड और जहानगंज में एक पेट्रोल पंप के पास नकली खोवा तैयार किया जा रहा है।

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ऐसे पहचानें असली-नकली

- हथेली पर रगड़ने पर असली दूध में झाग नहीं बनता है जबकि नकली से बनता है।

- बर्तन में कुछ देर तक रखने पर असली दूध का सफेद रंग जस का तस रहता है जबकि ¨सथेटिक दूध का रंग हल्का पीला हो जाता है।

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ऐसे बनता ¨सथेटिक दूध

¨सथेटिक दूध में पानी, साबुन, सोडियम हाइड्रोआक्साइड, वनस्पति तेल, नमक, यूरिया आदि मिला होता है। वनस्पति तेल को कुछ इमल्सीफाइड्स के साथ लोहे के बड़े-बड़े बर्तनों में डाला जाता है। इसे अच्छी तरह से मिला दिया जाता है, जिससे पूरा मिश्रण सफेद पेंट की तरह गाढ़ा हो जाता है। फिर इसमें इतना पानी मिलाया जाता है कि इसका घनत्व शुद्ध दूध के घनत्व के बराबर हो जाए। इसके बाद इसमें यूरिया या सोडियम सल्फेट, ग्लूकोज आदि मिलाया जाता है। रिफाइंड ऑयल इसमें फैट का कार्य करता है। एक लीटर ¨सथेटिक दूध की लागत 10 से 15 रुपये आती है। इसे क्रीम निकले दूध में मिलाकर शहर में भेजा जाता है।

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पाउडर भी बिक रहा बाजार में

शहर के मोहल्ला बूरा वाली गली में एक दुकान से ¨सथेटिक दूध पाउडर की बिक्री धड़ल्ले से हो रही है। दूध में पानी मिलाने के बाद यह पाउडर मिला दिया जाता है तो उसमें फैट की कमी नहीं मालूम पड़ती है।

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''खाद्य सुरक्षा विभाग को छापेमारी के निर्देश दिए गए हैं। ¨सथेटिक दूथ और मिलावटी खोवा के खिलाफ विशेष अभियान के लिए कुछ और टीमें गठित की जा रही हैं।''

- मोनिका रानी, जिलाधिकारी


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