शहर के आरडीएफ विद्युत बिलों में मीटर बदलने का खेल
जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : विभागीय लापरवाही व खेल के बीच उपभोक्ता ही शिकार हो रहे ह
जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : विभागीय लापरवाही व खेल के बीच उपभोक्ता ही शिकार हो रहे हैं। पिछले कई वर्षों से चल रहे आरडीएफ बिलों का विवरण डाटा कंट्रोल रूम से विभाग को प्राप्त हुआ। जिसमें 30 लाख यूनिट री¨डग स्टोर मिली। विभाग ने ऐसे मीटरों को चिह्नित कर लाखों के बिल बनाने शुरू किए, तो ठेकेदारों ने उपभोक्ताओं से साठगांठ कर मीटर बदलने का खेल शुरू कर दिया। अब इस खेल पर अधिकारियों ने नजरें गड़ा दी हैं।
शहर में करीब 4800 आरडीएफ (री¨डग डिफेक्टिव) बिल बन रहे थे। कंट्रोल रूम से डाटा प्राप्त होने के बाद अधिकारियों ने बिल संशोधन का कार्य शुरू किया। इससे 20 से 30 यूनिट का प्रतिमाह बिल अदा करने वाले री¨डग स्टोर के चलते लाखों के बकाएदार हो गए। लाखों का बिल पहुंचने पर उपभोक्ताओं में खलबली मच गई। इसी बीच विभाग से जुड़े मीटर ठेकेदारों ने अपना खेल शुरू कर दिया। उपभोक्ताओं से साठगांठ कर क्षेत्रीय जेई को सूचना दिए बिना ही मीटर बदल दिया। वहीं सी¨लग पर पुराना मीटर खराब दिखाकर उसकी रीडिंग अपठनीय लिखकर जमा कर दिया। वैसे तो मीटरों की फी¨डग विभागीय लापरवाही से महीनों नहीं की जाती थी, लेकिन इन री¨डग स्टोर वाले मीटर बदलवाकर इसकी तत्काल फी¨डग करा दी जाती है। अधिशासी अभियंता नगरीय पंकज अग्रवाल ने बताया कि री¨डग स्टोर वाले करीब 15 मीटर बदले जाने अभी तक खुलासा हुआ है। मीटर बदलने की जानकारी क्षेत्रीय अवर अभियंताओं को भी नहीं दी जाती है। 20 सितंबर को बदले गए मीटर में 37 हजार यूनिट री¨डग स्टोर थी। जिसे सी¨लग में खराब मीटर दिखा दिया। बदले गए मीटरों की लैब में जांच करायी जाएगी। इस खेल में मीटर रीडरों के भी शामिल होने की उन्हें जानकारी मिल रही है।