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लोहिया सेतु पर 'जिम्मेदारियों की दरार' से बढ़ा खतरा

जागरण संवाददाता फर्रुखाबाद इटावा बरेली हाईवे पर पांचाल घाट पर वर्ष 1971 में गंगा नदी पर

By JagranEdited By: Published: Mon, 30 Nov 2020 11:14 PM (IST)Updated: Mon, 30 Nov 2020 11:14 PM (IST)
लोहिया सेतु पर  'जिम्मेदारियों की दरार' से बढ़ा खतरा
लोहिया सेतु पर 'जिम्मेदारियों की दरार' से बढ़ा खतरा

जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : इटावा बरेली हाईवे पर पांचाल घाट पर वर्ष 1971 में गंगा नदी पर बना लोहिया सेतु रखरखाव के अभाव में अब बुरी तरह जर्जर हो चुका है। मरम्मत के नाम पर जिम्मेदारियों की खींचतान के चलते कई स्थानों पर खतरनाक दरारें हो गई हैं। एक जगह तो दो गार्डरों के बीच इतनी जगह हो गई है कि पैदल निकलने पर पैर भी जा सकता है। बड़े वाहन तो जैसे तैसे गुजर रहे हैं, लेकिन दो पहिया वाहनों का निकलना भी मुश्किल हो रहा है। सोमवार को कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा स्नान को आए कई श्रद्धालु इस दरार में पैर फंसने से चुटहिल हो गए।

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कभी जनपद के लिए एक बड़ी उपलब्धि रहा यह गंगा पुल अब लगभग पांच दशक पुराना हो चुका है। इस पुल के पहले और दूसरे खंभे के बीच के हिस्से की सरिया दिखाई देने लगी हैं। वर्ष 2017 में भी सरियां खुलने पर लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों ने आनन-फानन इसे सही करा दिया था। इस दौरान मरम्मत के नाम पर अनदेखी के चलते पुल पर कई स्थानों पर ज्वाइंट गर्डर के बीच में दरारें काफी चौड़ी हो गई हैं। लोक निर्माण विभाग के अधिकारी मामले को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। पुल पर एक स्थान पर दो गर्डर के बीच दरार खतरनाक हद तक चौड़ी हो गई है। सोमवार को कार्तिक पूर्णिमा स्नान को आए श्रद्धालुओं की भीड़ में कई लोग इस दरार में पैर फंसने से चुटहिल हो गए। स्थानीय प्रांतीय खंड के अधिशासी अभियंता आदित्य कुमार बताते हैं कि बरेली इटावा मार्ग अब राष्ट्रीय राजमार्ग खंड इटावा को हस्तांतरित हो चुका है। एनएच खंड की ओर से हाईवे पर पेचवर्क के नाम पर कई करोड़ रुपये का काम भी कराया जा चुका है। वहीं एनएच खंड के सहायक अभियंता एससी शर्मा ने बताया कि पुल पर प्लेट प्रांतीय खंड को लगानी थीं, वह नहीं लगाई गई हैं। अब बीई हाईवे का काम एक अन्य पीआइयू संस्था को मिल गया है। वही आगे का काम कराएगी। जबकि पीआइयू को अभी तक रोड हस्तांतरित ही नहीं हुई है।


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