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सिर्फ दर्पण नहीं, समाज का दिशा बोधक होता साहित्य

संवाद सहयोगी कायमगंज साहित्यिक संस्था अनुगूंज की साहित्य चर्चा व काव्य गोष्ठी में अध्यक्ष प्रो. र

By JagranEdited By: Published: Sun, 28 Feb 2021 08:27 PM (IST)Updated: Sun, 28 Feb 2021 08:27 PM (IST)
सिर्फ दर्पण नहीं, समाज का दिशा बोधक होता साहित्य
सिर्फ दर्पण नहीं, समाज का दिशा बोधक होता साहित्य

संवाद सहयोगी, कायमगंज : साहित्यिक संस्था अनुगूंज की साहित्य चर्चा व काव्य गोष्ठी में अध्यक्ष प्रो. रामबाबू मिश्र ने कहा कि साहित्य समाज का दर्पण ही नहीं बल्कि समाज का दिशा बोधक होता है।

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नगर के मोहल्ला पटवन गली स्थित एक इंस्टीट्यूट में अध्यक्ष ने कहा कि साहित्य का धर्म गंदगी उछालना नहीं, बल्कि मनुष्य में रचनात्मक प्रवृत्ति व सौंदर्य बोध जागृत करना होता है। प्रो. कुलदीप आर्य ने कहा कि पत्रकारिता की ही भांति साहित्य भी राष्ट्र, धर्म व संस्कृति का प्रहरी होता है। पवन बाथम व मनीश गौड़ आदि ने साहित्य की वर्तमान स्थिति पर चर्चा की। काव्य गोष्ठी में गीतकार पवन बाथम, रामबाबू मिश्र रत्नेश, कुलदीप आर्य अब्दुल बहाव बहार, राशिद अली, विद्यासागर तिवारी, डॉ. सुनीत सिद्धार्थ, मनीष गौड़ ने काव्य पाठ कर उपस्थित श्रोताओं को रस विभोर किया।


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