भूख से बिलबिलाए बच्चों को देख लेखपाल ने फिर खुलवाई चाय की दुकान
गांव तो छोड़िए शहर के क्वारंटाइन सेंटरों की बदहाली भी नहीं सुधर पा रही है। रविवार को ठंडी सड़क स्थित नवभारत सभा भवन क्वारंटाइन सेंटर में सफर की थकान व भूख से श्रमिकों के चहरे लटक गए। बच्चे भूख से बिलबिलाने लगे तो लेखपाल ने एक व्यवसायी से मदद मांगकर फिर चाय की दुकान खुलवाई और बच्चों व श्रमिकों को चाय बिस्किट व मठरी वितरित कराई।
जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : गांव तो छोड़िए शहर के क्वारंटाइन सेंटरों की बदहाली भी नहीं सुधर पा रही है। रविवार को ठंडी सड़क स्थित नवभारत सभा भवन क्वारंटाइन सेंटर में बच्चे भूख से बिलबिलाने लगे तो लेखपाल ने एक व्यवसायी से मदद मांगकर फिर चाय की दुकान खुलवाई और बच्चों व श्रमिकों को चाय, बिस्किट व मठरी वितरित कराई।
नवभारत सभा भवन में शनिवार रात से ही प्रवासी श्रमिकों का आना शुरू हो गया। दोपहर तक श्रमिकों की संख्या 60 हो गई। भवन के हाल में पंखे लगे हैं, लेकिन बिजली की आवाजाही से गर्मी में श्रमिकों के चहरे लटक गए। फतेहगढ़ से सरकारी खाना आने में देरी पर बच्चे भूख से परेशान होकर रोने लगे। यह देखकर लेखपाल आशुतोष पांडेय ने पड़ोसी चाय विक्रेता सूरज राजपूत को फोन कर बुलाया और दुकान खुलवा दी। इसके बाद एक व्यापारी से मदद मांगकर दूध, बिस्किट व मठरी की व्यवस्था कर श्रमिकों को चाय वितरित कराई। दोपहर को अपनी कार से भोजन के पैकेट लाकर वितरित किए। क्वारंटाइन सेंटर पर मौजूद राजकुमार गुप्ता मोहत यादव आदि ने बताया कि सामान्य सुविधाएं भी ठीक नहीं हैं। बिजली जाने पर लोग परेशान हो जाते हैं।
दगा दे गई थर्मल स्क्रीनिग मशीन
नवभारत सभा भवन में रुके श्रमिकों का स्वास्थ्य परीक्षण करने पहुंचे लिजीगंज हॉस्पिटल के वार्ड ब्वाय युगल किशोर दुबे की थर्मल स्क्रीनिग मशीन ही दगा दे गई। मशीन खराब होने पर उन्होंने अस्पताल में फोन कर दूसरी मशीन भिजवाने को कहा। वार्ड ब्वाय ने बताया कि उन लोगों को आवश्यक सुरक्षा सामग्री शू व हेडकवर आदि तक नहीं मिल रहे हैं।