सचेत नहीं हुए तो पीने के पानी को तरसेंगे
भूगर्भ जल का स्तर लगातार घट रहा है। प्रदूषित जल की मात्रा भी दिनोंदिन बढ़ रही है इससे चितित सरकार ने भूगर्भ जल प्रदूषित करने पर सात साल की सजा का प्रावधान करने की तैयारी की है। इसके लिए कड़े नियम बनाए जाएंगे। इस घोषणा के बावजूद लोगों में भूगर्भ जल की स्थिति सुधारने के लिए जागरूकता आती नहीं दिख रही है। पानी की बर्बादी तो आम बात हो गई है। वर्षा का पानी संचित करने के भी ठोस उपाय नहीं हो रहे हैं।
जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : भूगर्भ जल का स्तर लगातार घट रहा है। प्रदूषित जल की मात्रा भी दिनों दिन बढ़ रही है, इससे चितित सरकार ने भूगर्भ जल प्रदूषित करने पर सात साल की सजा का प्रावधान करने की तैयारी की है। इसके लिए कड़े नियम बनाए जाएंगे। इस घोषणा के बावजूद लोगों में भूगर्भ जल की स्थिति सुधारने के लिए जागरूकता आती नहीं दिख रही है। पानी की बर्बादी तो आम बात हो गई है। वर्षा का पानी संचित करने के भी ठोस उपाय नहीं हो रहे हैं।
शहर में पानी का सर्वाधिक खर्च कपड़ा छपाई कारखाना, होटल व बड़े उद्योगों में होता है। भूगर्भ जल को प्रदूषण से रोकने के लिए कोई उपाय नहीं किए जा रहे। वर्षा का जल संचयन करने के लिए दिशानिर्देश तो पहले से हैं, लेकिन इनका पालन नहीं हो रहा। पानी की बर्बादी का आलम यह है कि वाहन धुलाई सेंटरों पर हजारों लीटर पानी रोज बहाया जा रहा है। सरकार ने इस पर अंकुश लगाने की बात कही है, लेकिन लोगों ने अभी तक इस पर ध्यान नहीं दिया। पानी की बदस्तूर जारी है। गुरुवार को भी ऐसा ही नजारा देखने को मिला। खास बात यह है कि पानी का मोल पहचानिए जैसे नारे दशकों पहले से लग रहे हैं। इसके लिए पहले जगह-जगह स्लोगन भी लिखे जाते थे। फिर भी असर दिखाई नहीं दिया। शहर में लाखों लीटर पानी प्रतिदिन निकाला जा रहा
नगरपालिका परिषद के 56 नलकूप शहर में लगे हैं। 14 ओवरहेड टैंक हैं। तीन हजार से अधिक हैंडपंप हैं। इसके अलावा निजी सबमर्सिबल पंपों की संख्या का कोई रिकार्ड पालिका के पास उपलब्ध नहीं है। लाखों लीटर पानी प्रतिदिन भूगर्भ से निकाला जा रहा है। क्या हैं नियम
- सरकार घरेलू व फसलों की सिचाई को सबमर्सिबल लगाने की अनुमति निश्शुल्क देगी।
- औद्योगिक संस्थानों में सबमर्सिबल लगाने के लिए टैक्स वसूला जाएगा, साथ ही नियम कड़े होंगे।
- सरकारी भवनों के साथ अब निजी भवनों में भी वर्षा का पानी संचित करने के लिए व्यवस्था करनी होगी।
- सबमर्सिबल का पंजीकरण आवश्यक हो जाएगा। इसकी अनुमति भूगर्भ जल विभाग से लेनी होगी। गाइड लाइन तो पहले से थी, अब होगी सख्ती
एसडीएम सदर अनिल कुमार ने बताया कि जल संरक्षण की जिम्मेदारी हम सबकी है। भूगर्भ जल को प्रदूषित न करने और जल का संरक्षण करने के निर्देश तो पहले से हैं, लेकिन उल्लंघन करने वालों पर क्या कार्रवाई होगी अब इसके लिए एक्ट सरकार बनाने जा रही है। सख्ती होने पर जल संरक्षण की दिशा में मदद मिलेगी।