नाविकों के समझाने पर मान जाते तो नहीं जाती युवकों की जान
जागरण संवाददाता फर्रुखाबाद पांचालघाट पर मौनी आश्रम के सामने गंगा में डूबे युवकों को नावि
जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : पांचालघाट पर मौनी आश्रम के सामने गंगा में डूबे युवकों को नाविकों ने एकांत में स्नान करने से रोका था। पुलिस बुलाने की भी धमकी दी थी, लेकिन युवक वहीं पर स्नान करने की जिद पर अड़ गए। चारों युवक काफी देर तक गंगा में नहाते रहे। इस दौरान एक साथी मोबाइल से फोटो भी खींच रहा था। नाविकों ने इसकी जानकारी बाद में पुलिस को दी।
श्रावण मास की सोमवती अमावस्या की वजह से पांचालघाट पर रात से ही स्नान के लिए भीड़ का आना शुरू हो गया था। पुलिस बड़े वाहनों को तो एक से डेढ़ किलोमीटर पहले ही रोक रही थी, लेकिन बाइकों को जाने दिया जा रहा था। इसी वजह से युवक शाहजहांपुर से आकर सीधे बंधा से नीचे उतरे। पुल के पास जहां स्नान हो रहा था वहां खासी भीड़ थी, लेकिन चारों युवक एकांत की तलाश में काफी दूर निकल गए। नाविकों ने उन्हें समझाया और बताया कि इधर गहराई अधिक है। पुलिस ने एकांत में स्नान करने पर रोक लगा रखी है। युवकों के न मानने पर एक नाविक ने पुलिस बुलाने की चेतावनी दी। इस पर युवकों ने कहा कि पुलिस क्या कर लेगी। वह लोग काफी देर तक गंगा में नहाते रहे। तैरते समय गहरे पानी में डूबे
गांव सोता बहादुरपुर निवासी नाविक पिटू ने बताया कि वह अपनी मोटरवोट लेकर काफी दूर खड़ा था। उसने देखा कि तीन युवक गंगा में तैर रहे हैं, एक युवक उनका फोटो खींच रहा था। अचानक तीनों युवक डूबने लगे। इसी बीच फोटो खींच रहा युवक उनकी ओर बढ़ा तो वह भी डूबने लगा। यह देखकर उसने अपनी मोटरवोट तेजी से युवकों की तरफ दौड़ाई, तब तक तीन युवक डूब चुके थे। एक युवक को बचाने के लिए अपनी बल्ली फेंकी और पकड़ने के लिए कहा, लेकिन वह हाथ में पकड़े मोबाइल पर ध्यान दे रहा था। कई बार कहने पर उसने बल्ली पकड़ी, तब उसे खींचकर नाव में डाला। जनपद शाहजहांपुर थाना पुवायां के गांव बिल्सिया निवासी उमेश यादव ने बताया कि उसकी फैक्ट्री से एक अधिकारी का फोन आ गया था। वह बात करने लगा तभी उसने साथी विशाल, परविदर व प्रदीप को डूबते देखा। वह उन्हें बचाने के लिए गया तो खुद डूबने लगा। नाविक न आता तो वह भी डूब जाता। मां को डूबते देख युवती ने भी लगा दी जान की बाजी
कमालगंज : सुबह महमदगंज मड़ैयन घाट पर बने पैटून पुल के सामने जब विनीता देवी डूबने लगीं तो उसकी पुत्री सोनम ने अपनी जान की परवाह किए बिना ही गंगा में छलांग लगा दी, लेकिन वह जब असफल हुई तो साथ गई परिवार की श्वेता भी बचाने में जुट गई। बताते हैं कि जैसे ही श्वेता ने सोनम का हाथ पकड़ा तो वैसे ही वह भी गंगा के गहरे पानी में खिची चली गई। गनीमत रही कि पास में ही नहा रहे गांव के राजीव व पप्पू ने शोर मचा दिया तो वहां मौजूद नाविकों गंगा मे कूद कर तीनों को बचाया। बेहोशी हालत में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में लाई गईं विनीता, सोनम और श्वेता को काफी देर बाद होश आया। उसके बाद दोपहर तक वह सही हो गईं। विनीता ने कहा कि भगवान का शुक्र है कि वह लोग बच गए।