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गंगा विलुप्त हुई तो हमारी संस्कृति व धर्म भी नष्ट हो जाएंगे

गंगा समग्र प्रकल्प की ओर से गुरुवार को रामनगरिया स्थित सांस्कृतिक पंडाल में गंगा गोष्ठी का आयोजन किया गया। जूना अखाड़ा रुड़की आश्रम के महामंडलेश्वर यतींद्रानंद गिरि महाराज ने कहा कि गंगा को विलुप्त न होने देने की जिम्मेदारी हम सबकी है। यदि गंगा को नुकसान पहुंचा तो हमारी संस्कृति व धर्म भी नष्ट हो जाएगा।

By JagranEdited By: Published: Thu, 06 Feb 2020 10:12 PM (IST)Updated: Thu, 06 Feb 2020 10:12 PM (IST)
गंगा विलुप्त हुई तो हमारी संस्कृति व धर्म भी नष्ट हो जाएंगे

जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : गंगा समग्र प्रकल्प की ओर से गुरुवार को रामनगरिया स्थित सांस्कृतिक पंडाल में गंगा गोष्ठी का आयोजन किया गया। जूना अखाड़ा रुड़की आश्रम के महामंडलेश्वर यतींद्रानंद गिरि महाराज ने कहा कि गंगा को विलुप्त न होने देने की जिम्मेदारी हम सबकी है। यदि गंगा को नुकसान पहुंचा तो हमारी संस्कृति व धर्म भी नष्ट हो जाएगा।

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महामंडलेश्वर ने कहा कि केंद्र व प्रदेश सरकार गंगा को निर्मल बनाने के लिए करोड़ों रुपये खर्च कर रही है। गंगा हमारी संस्कृति की प्राण है। इसे संरक्षित करने की जिम्मेदारी हम सबको सामूहिक रूप से उठानी होगी। जिलाधिकारी मानवेंद्र सिंह ने कहा कि गंगा किनारे के गांव में बनी गंगा समितियों का विस्तार किया जाएगा। गंगा तटों पर पौधरोपण पर खासा जोर रहेगा। गांव सोतबहादुरपुर पांचालघाट गंगा तट पर सफाई व्यवस्था कराई गई है। इसे अनवरत जारी रखा जाएगा। किसी भी हाल में अतिक्रमण नहीं होने दिया जाएगा। गंगा समग्र के राष्ट्रीय मंत्री डॉ. आशीष ने कहा कि हिमालय से निकलने वाली गंगा के तटों को देखने से पता चलता है कि यहां ऋषि मुनियों ने तपस्या की। यह हमारे देश की संस्कृति है। समग्र गंगा के जिला संयोजक भूपेंद्र प्रताप सिंह ने मांग की कि जिले के सभी धार्मिक क्षेत्रों का विकास कराया जाए। जिला मुख्यालय पर धार्मिक आयोजन के लिए एक हॉल का निर्माण किया जाना चाहिए। प्रदेश संयोजक राघवेंद्र सिंह, विधायक मेजर सुनील दत्त द्विवेदी, नागेंद्र सिंह राठौर, सीडीओ राजेंद्र पैंसिया, रवि मिश्रा आदि मौजूद रहे। कंपिल से कमालगंज तक गंगा सफाई के लिए काम करने वाले 22 लोगों को सम्मानित किया गया।


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