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हेल्प लाइन नंबर से वृद्धों को मिलेगी राहत

जागरण संवाददाता फर्रुखाबाद कोरोना महामारी वैसे तो किसी को बख्श नहीं रही है। हालांकि

By JagranEdited By: Published: Fri, 18 Sep 2020 10:51 PM (IST)Updated: Fri, 18 Sep 2020 10:51 PM (IST)
हेल्प लाइन नंबर से वृद्धों को मिलेगी राहत
हेल्प लाइन नंबर से वृद्धों को मिलेगी राहत

जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : कोरोना महामारी वैसे तो किसी को बख्श नहीं रही है। हालांकि बुजुर्गों के लिए यह बड़ी चुनौती बन रहा है। बिखर रहे परिवारों के चलते एकाकी बुजुर्गों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। शासन की ओर से भी अभी तक इन बुजुर्गों के लिए अलग से कोई योजना शुरू नहीं की गई है। जनपद के एक मात्र वृद्धाश्रम तक में कोरोना दस्तक दे चुका है। पाश्चात्य सभ्यता के प्रभाव और संयुक्त परिवारों में तनाव और बिखराव के चलते कई बुजुर्ग तो अपनों को ही घर से बेदखल करने को न्यायालयों तक की शरण में हैं। वहीं कई परिवार स्वयं ही बुजुर्गों को अकेला छोड़ कर शहर से बाहर जा चुके हैं, या शहर में ही अलग रहने लगे हैं। इसके अलावा काफी बुजुर्ग वह भी हैं, जिनके लिए परिवार की बेरुखी के बाद वृद्धाश्रम ही सहारा है। जनपद में वृद्धों के लिए अलग से कोई शेल्टर होम नहीं है।

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जनपद का एक मात्र वृद्धाश्रम मोहम्मदाबाद क्षेत्र के ग्राम गांव अलावलपुर में है। वर्तमान में यहां 33 बुजुर्ग हैं। इसी सप्ताह यहां से पांच वृद्धों को कारोना संक्रमण के चलते डॉ. अनार सिंह मेडिकल कॉलेज स्थित एल-1 अस्पताल में शिफ्ट किया जा चुका है। यहां रह रहे बुजुर्गों की अपनी अलग ही दुनिया है। न संपत्ति की चिता, न परिवार की खिट-खिट। सब एक दूसरे के दु:ख-सुख में शामिल। आश्रम परिसर में वृद्धजनों ने तुलसी, पपीता, तोरई व लौकी की फसल उगाई है। वृद्ध बाबूराम, नरेश चंद्र, मुन्नालाल, विजेंद्र, घनश्याम पौधों की निराई गुड़ाई करते रहते हैं। कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए गेट पर सैनिटाइजर, साबुन व पानी की व्यवस्था है, लेकिन प्रत्येक कमरे में सैनिटाइजर नहीं है। वृद्धाश्रम के अधीक्षक मयंक ने बताया कि वृद्धजनों के लिए मास्क व सैनिटाइजर की व्यवस्था की गई है। दवाइयां भी दी जा रही हैं। “वरिष्ठ नागरिकों का भरण पोषण तथा कल्याण नियमावली के अनुसार सभी थानों में वरिष्ठ नागरिकों की सूची रखने और प्रथक रजिस्टर में उनकी समस्याओं का विवरण रखने के निर्देश हैं। इसी नियमावली की धारा 21 की उपधारा 10 में सीनियर सिटीजन हेल्पलाइन बनाए जाने को कहा गया है। हालांकि इनमें से अधिकांश का पालन पूरी तरह नहीं हो पा रहा है। पुलिस का रवैया भी वृद्धों की शिकायतों के प्रति सहानुभूतिपूर्ण नहीं रहता है। पुलिस और प्रशासन को और अधिक संवेदनशील होने की जरूरत है। हेल्प लाइन शुरू होने से वृद्धों को काफी राहत मिलेगी।''

- डॉ. दीपक द्विवेदी, सदस्य, जिला वरिष्ठ नागरिक अनुश्रवण समिति।


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