हेड कांस्टेबल करेंगे विवेचनाएं, दारोगाओं को मिलेगी राहत
जागरण संवाददाता फर्रुखाबाद विवेचनाओं के बोझ से दबे दारोगाओं के लिए राहत भरी खबर है।
जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : विवेचनाओं के बोझ से दबे दारोगाओं के लिए राहत भरी खबर है। अब उन्हें अधिक जांच नहीं करनी पड़ेगी। अधिक विवेचनाओं को देखते हुए शासन ने थानों और कोतवाली में तैनात हेड कांस्टेबल से विवेचनाएं कराने का निर्णय लिया है। हालांकि पहले उन्हें चोरी, आर्म्स एक्ट, शस्त्र अधिनियम, आबकारी अधिनियम आदि की विवेचनाएं दी जाएंगी।
जिले के कोतवाली और थानों में तैनात दारोगाओं के पास 10 से 15 विवेचनाएं हैं। जांच के अलावा उन पर लॉ एंड आर्डर की भी जिम्मेदारी है। इससे जांच में देरी होने पर आरोपितों को न्यायालय से राहत मिल जाती है। इसके अलावा अधिक विवेचनाएं होने पर दारोगा मानिसक तनाव में रहते हैं। समय से विवेचनाओं का निस्तारण न होने पर अपराध समीक्षा बैठक में सब इंस्पेक्टर को वरिष्ठ अधिकारियों की नाराजगी का भी शिकार होना पड़ता है। इसे देखते हुए शासन ने हेड कांस्टेबल (दीवान) से छोटे मामलों की जांच कराने का निर्णय लिया है। इससे जहां दारोगाओं को राहत मिलेगी तो वहीं हेड कांस्टेबलों में खुशी भी है कि उन्हें विवेचनाएं करने का मौका मिलेगा। जिले में 170 दारोगा और 343 हेड कांस्टेबल हैं। इस समय 700 के करीब विवेचनाएं लंबित चल रहीं हैं। यह मिलेगी विवेचनाएं
चोरी, बिजली चोरी, जुआ, सट्टा, आबकारी अधिनियम, आर्म्स एक्ट, पशु चोरी, वाहन चोरी आदि विवेचनाएं दी जाएंगी।
एक नजर
दारोगा - 170
हेड कांस्टेबल - 343
लंबित विवेचनाएं - करीब 700 ''दारोगाओं का बोझ कम करने को हेड कांस्टेबल से विवेचनाएं कराने के आदेश प्राप्त हुए हैं। शीघ्र ही हेड कांस्टेबल को विवेचनाएं दी जाएंगी।''
- डॉ. अनिल कुमार मिश्रा, पुलिस अधीक्षक।