खनन क्षेत्र से दो असलहों सहित पांच लोगों को पकड़ा
संवाद सहयोगी कायमगंज अताईपुर मार्ग पर पुलिस ने एक बोलेरो में सवार दो लाइसेंसी असलहों सहि
संवाद सहयोगी, कायमगंज : अताईपुर मार्ग पर पुलिस ने एक बोलेरो में सवार दो लाइसेंसी असलहों सहित पांच लोगों को संदिग्ध हालत में रोका। पहले तो उन्होंने स्वयं को खनन विभाग का अधिकारी बताया, लेकिन बाद में कहने लगे कि खनन अधिकारी की अनुमति से अवैध खनन की निगरानी कर रहे हैं। मामला संदिग्ध प्रतीत होने पर पुलिस ने असलहे जमा कर पांचों के खिलाफ शांतिभंग की कार्रवाई की है।
कोतवाली पुलिस के एसआइ खेमपाल सिंह व फोर्स ने शनिवार रात तराई क्षेत्र जुड़ने वाले कायमगंज-अताईपुर मार्ग पर एक बोलेरो में असलहों के साथ कुछ संदिग्ध लोगों को घूमते देखा। पुलिस ने उन्हें रोका तो वह वाहन से भागने लगे। पुलिस ने पीछा कर उन्हें रोक लिया। पूछताछ में उन्होंने बताया कि वह खनन विभाग के लोग हैं। इस पर पुलिस ने खनन अधिकारी से बात कराने को कहा। वह लोग बात न करा सके और कहा कि खनन अधिकारी के कहने पर यहां निगरानी कर रहे हैं कि रात में कोई अवैध खनन तो नहीं करता, लेकिन उनकी बात की पुष्टि न हो पाने पर पुलिस उन्हें कोतवाली ले आई। जिसमें सीमावर्ती एटा जिला के गांव मोहकमपुर निवासी देवेंद्र पर 12 बोर की लाइसेंसी दोनाली बंदूक व कारतूस व शाहजहांपुर जिला के गांव कुइयां कटईया निवासी राजेंद्र सिंह के पास 315 बोर की लाइसेंसी रायफल व कारतूस मिले। कायमगंज के मोहल्ला नई बस्ती निवासी पुष्पेंद्र, शमसाबाद के गांव मुरैठी निवासी केतन यादव व राजीव यादव सहित सभी पांच लोगों से पूछताछ में यह स्पष्ट न हो सका कि रात में असलहों सहित क्यों घूम रहे थे। प्रभारी निरीक्षक डॉ. विनय प्रकाश राय ने बताया कि लाइसेंसी असलहे कोतवाली में जमा करा लिए गए। पांचों को निजी मुचलके पर बोलेरो गाड़ी सहित रिहा कर दिया गया। खनन अधिकारी राजीव रंजन ने बताया कि खनन का पट्टा लेने वाले लोगों को यह मौखिक अनुमति दी गई है कि अपने क्षेत्र में निगरानी कर अवैध खनन होने की स्थिति में सूचना दें। शायद गलतफहमी होने की वजह से पुलिस ने उन्हें रोक लिया होगा।