आलू की मंदी से किसानों की बढ़ी चिता, लागत मूल्य के लाले
जागरण संवाददाता फर्रुखाबाद कोल्ड स्टोरेज में पुराना आलू अभी भी खत्म नहीं हो पाया है। नया
जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : कोल्ड स्टोरेज में पुराना आलू अभी भी खत्म नहीं हो पाया है। नया आलू भी बाजार में है, इससे भाव में मंदी चल रही है। नए आलू की मांग असम व महाराष्ट्र से नहीं आ रही है। बिहार व झारखंड की मंडियों के लिए ट्रकों से लोडिग की जा रही है।
सातनपुर मंडी में मंगलवार को नए आलू का भाव 540 से 720 रुपये क्विंटल तक रहा। करीब 80 ट्रक आलू बिक्री के लिए मंडी में आया। आलू आढ़ती एसोसिएशन अध्यक्ष व व्यापारी रिकू वर्मा ने बताया कि पिछले साल इनदिनों करीब 200 ट्रक आलू की आमद हो रही थी। आलू की गुणवत्ता अभी अच्छी नहीं है। साइज भी छोटा है और हरा आलू अधिक निकल रहा है। इसी वजह से मुंबई व असम की मंडियों से मांग नहीं आ रही है। उन्होंने उम्मीद जताई कि जनवरी के पहले सप्ताह में आलू की गुणवत्ता सुधरेगी और भाव में भी बढ़ोत्तरी होने की उम्मीद है। गांव जरहरी निवासी राजू तिवारी ने बताया कि शुरुआत में हुई बारिश की वजह से फसल को नुकसान हुआ। इसी कारण अगैती फसल की गुणवत्ता ठीक नहीं है। आलू कम निकल रहा है, इसी वजह से नुकसान हो रहा है। किसान अशोक मिश्रा ने बताया कि एक हजार रुपये क्विंटल से यदि भाव कम होगा तो नुकसान होना तय है। गुरऊशादी नगर निवासी रामसेवक वर्मा ने बताया कि अभी जो भाव चल रहा है उसमें आधी लागत भी नहीं निकल पा रही है। कोल्ड स्टोरेज में अभी भी पुराना आलू रखा है। इस वजह से भी नए आलू को ठीक भाव नहीं मिल पा रहा है। इन मंडियों के लिए हो रही लोडिग
- बिहार प्रांत की मुजफ्फरपुर, पटना, हाजीपुर, मोतीहारी, समस्तीपुर।
- झारखंड की जामताड़ा मंडी।