पूर्व सैनिक बोले, पाकिस्तानी सैनिकों को चबा चुके हैं नाकों चने
संवाद सूत्र, मोहम्मदाबाद : क्षेत्र के गांव मौधा में लगभग 250 पूर्व सैनिक हैं। जम्मू कश्मीर के पुलवाम
संवाद सूत्र, मोहम्मदाबाद : क्षेत्र के गांव मौधा में लगभग 250 पूर्व सैनिक हैं। जम्मू कश्मीर के पुलवामा में जवानों के शहीद होने से पूर्व सैनिकों में भी बदला लेने की भावना दिखाई दी। उन्होंने कहा कि सेना पूरी तरह मुस्तैद है और बदला लिया जाएगा। शहीदों की शहादत व्यर्थ नहीं जाएगी।
सीआरपीएफ से रिटायर 65 वर्षीय महिपाल ¨सह कहते हैं कि 27 वर्ष नौकरी करने के बाद 20 वर्ष पूर्व रिटायर हो गए थे। सेना पर आत्मघाती हमला कायरतापूर्ण है। प्रधानमंत्री व रक्षा मंत्री को सेना को लिखित रूप से छूट दे देनी चाहिए। करो या मरो की स्थिति है। रिटायर्ड सैनिक 70 वर्षीय भंवरपाल ¨सह का कहना है कि पाकिस्तान पर तुरंत हमला कर देना चाहिए। जिससे उसे अपनी औकात पता चल सके। 80 वर्षीय रिटायर्ड कैप्टन इंद्रपाल ¨सह ने 1962, 1965 और 1971 में पाकिस्तानी सैनिकों को युद्ध में नाकों चने चबवाए। उन्होंने कहा कि हमें हर हाल में बदला लेना चाहिए। 1971 के युद्ध में हमारी सेना ने 93 हजार सैनिकों को सरेंडर कराया था। पाकिस्तान को सबक सिखाने की जरूरत है। रिटायर्ड नायक विमलेश कुमार ¨सह ने कहा कि सभी में आक्रोश है। सरकार को अब आरपार की लड़ाई लड़नी चाहिए। जिससे पाकिस्तान को सबक सिखाया जा सके। हमारी सेना एक हफ्ते में पाक को मिट्टी में मिलाकर कब्जा कर लेगी। रिटायर्ड सैनिक हवलदार अमर ¨सह का कहना है कि हमें देर नहीं करनी चाहिए। अगर पाकिस्तान से लड़ने के लिए उनकी जरूरत पड़े तो वह तैयार हैं। एक बार फिर आर-पार की लड़ाई हो जाए।