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इंग्लिश मीडियम का सरकारी स्कूल, बैठने को टाट-फट्टा

संवाद सहयोगी कायमगंज बेसिक शिक्षा विभाग के इंग्लिश मीडियम स्कूलों के भवन साज सज्जा व पेंटिग

By JagranEdited By: Published: Tue, 23 Nov 2021 10:16 PM (IST)Updated: Tue, 23 Nov 2021 10:16 PM (IST)
इंग्लिश मीडियम का सरकारी स्कूल, बैठने को टाट-फट्टा
इंग्लिश मीडियम का सरकारी स्कूल, बैठने को टाट-फट्टा

संवाद सहयोगी, कायमगंज : बेसिक शिक्षा विभाग के इंग्लिश मीडियम स्कूलों के भवन साज सज्जा व पेंटिग से तो कांवेंट स्कूलों जैसे स्कूल बना दिए गए, लेकिन बच्चों के बैठने के लिए टाट फट्टा ही उपलब्ध है। किताबें तो इंग्लिश मीडियम की हैं, लेकिन बच्चों को हिदी मीडियम की ही तरह से पढ़ाया जाता है। कुछ ऐसा ही देखने को मिला कायमगंज विकास खंड के गांव भगौतीपुर स्थित बेसिक शिक्षा विभाग के इंग्लिश मीडियम प्राइमरी स्कूल में।

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प्रदेश सरकार की मंशा बेसिक शिक्षा विभाग के सरकारी स्कूलों को कांवेंट जैसा बनाने की रही। जिससे इन स्कूलों के बच्चे भी अच्छे सुसज्जित भवन वाले स्कूलों में यूनीफार्म, टाई बेल्ट लगाकर गौरवांवित हों व फर्राटेदार अंग्रेजी भी बोलें। इसलिए प्रयोग के तौर पर कायमगंज विकास खंड के 12 स्कूलों को इंग्लिश मीडिएम का किया गया। जिसमें 11 प्राइमरी व एक प्राइमरी से जूनियर स्तर तक का है। इन स्कूलों के भवनों को सुसज्जित किया गया। फर्श पर टायल, दीवारों पर आकर्षक पेंटिग हुई, लेकिन बच्चों के बैठने को फर्नीचर तक का इंतजाम नहीं हुआ। गांव भगौतीपुर के इंग्लिश मीडिएम प्राइमरी स्कूल में मंगलवार दोपहर प्रधानाध्यापक रानी गौतम व सहायक अध्यापक राजकुमार, साधना, गरिमा व शशिलता व शिक्षा मित्र कर्मवीर मिले। यहां पंजीकृत 166 बच्चों में 125 से अधिक उपस्थित बताए गए। दो कक्षाओं के बच्चे दो कमरों में तथा तीन कक्षाओं के बच्चे बाहर बरामदे व खुले मैदान में पेड़ के नीचे बैठे मिले। हालांकि स्कूल भवन में चार अतिरिक्त कक्ष तो हैं, लेकिन उनका छज्जा जर्जर व चटका होने के कारण बच्चों को उन कमरों में नहीं बैठाया जाता। बाहर खुले मैदान व कमरों के टाइल लगे फर्श पर टाट फट्टे बिछाकर बच्चों को बैठाकर पढ़ाया जा रहा था। सभी बच्चे स्कूल की यूनीफार्म नहीं पहने थे। कुछ बच्चे पुरानी स्कूल यूनीफार्म तो कुछ सामान्य कपड़े ही पहने थे। बच्चों पर किताबें तो इंग्लिश मीडियम की थीं, लेकिन हिदी माध्यम की तरह ही पढ़ाया जा रहा था। बताया गया कि गांव के बच्चे पूरी इंग्लिश नहीं समझ सकते। एबीएसए राजीव श्रीवास्तव ने बताया कि जूनियर स्कूल के लिए तो फर्नीचर आया था। प्राइमरी स्कूलों के लिए इस वर्ष फर्नीचर आना है। अंग्रेजी मीडियम में पढ़ाने के लिए अलग से अध्यापक भर्ती नहीं किए गए। सामान्यतौर भर्ती हुए अध्यापकों में इंटर व स्नातक में अंग्रेजी विषय वाले अध्यापकों की परीक्षा व प्रशिक्षण के बाद इन स्कूलों में तैनात किया गया है।


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