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रोग प्रतिरोधक गुण से अश्वगंधा पौध की बढ़ी मांग

संवाद सहयोगी कायमगंज कोरोना काल में इम्यूनिटी बूस्टर यानी रोग प्रतिरोधक क्षमता वृद्धि वाले प

By JagranEdited By: Published: Tue, 15 Sep 2020 06:24 PM (IST)Updated: Tue, 15 Sep 2020 06:24 PM (IST)
रोग प्रतिरोधक गुण से अश्वगंधा पौध की बढ़ी मांग
रोग प्रतिरोधक गुण से अश्वगंधा पौध की बढ़ी मांग

संवाद सहयोगी, कायमगंज : कोरोना काल में इम्यूनिटी बूस्टर यानी रोग प्रतिरोधक क्षमता वृद्धि वाले प्राकृतिक उत्पादों व दवाओं की मांग बढ़ी है। आयुर्वेदिक औषधि के तौर पर स्थापित अश्वगंधा की चर्चा होने से घरेलू बागवानी में इसके पौधे की मांग तेजी से बढ़ी है। लोग तुलसी, एलोवेरा के साथ अश्वगंधा के पौधे भी घरों मे लगा रहे हैं।

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आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति में अश्वगंधा का पौधा विशेष महत्व का है। इसमें मौजूद एंटी आक्सीडेंट इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने में कारगर हैं। इसलिए कोरोना के संकट में इस पौधे की मांग में इजाफा हुआ है। कायमगंज के गांव बरझाला निवासी नर्सरी संचालक सुरजीत गंगवार के मुताबिक चिकित्सा पद्धति में महत्व के कारण उत्तर भारत में इसकी खेती खूब होने लगी है। इसके पौधे सीधे व झाड़ीनुमा होते हैं। पौधे की लंबाई पचास से 100 सेमी तक तथा जड़ो की लंबाई तीस से चालीस सेमी तक होती है। इसमें पानी की जरूरत कम रहती है। अधिक पानी में इसकी जड़ें गल जाती हैं। अश्वगंधा का औषधीय महत्व

कायमगंज सीएचसी के आयुष चिकित्सक डॉ. अमरेश कुमार के अनुसार अश्वगंधा पौधे की जड़ विशेष औषधीय महत्व की है। मौसम बदलने के समय वायरस, बैक्टीरिया अधिक प्रभावी हो जाते हैं, ऐसी स्थिति में अश्वगंधा का प्रयोग शरीर में इम्यून सिस्टम को मजबूत कर वायरस विषाणुओं को निष्प्रभावी कर देता है। अश्वगंधा की जड़ों से बना चूर्ण खांसी व अस्थमा में विशेष कारगर होता है। अश्वगंधा का तनाव दूर कर मानसिक स्फूर्ति बढ़ाने में कारगर है।


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