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गरीबों को छत दिलाने को डूडा नहीं ढूंढ़ पा रहा जमीन

जागरण संवाददाता फर्रुखाबाद गरीबों को छत मुहैया कराए जाने के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना श्

By JagranEdited By: Published: Sun, 20 Sep 2020 10:27 PM (IST)Updated: Sun, 20 Sep 2020 10:27 PM (IST)
गरीबों को छत दिलाने को डूडा नहीं ढूंढ़ पा रहा जमीन
गरीबों को छत दिलाने को डूडा नहीं ढूंढ़ पा रहा जमीन

जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : गरीबों को छत मुहैया कराए जाने के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी के तहत भागेदारी में किफायती आवास बनाए जाने के लिए जिला नगरीय विकास अभिकरण (डूडा) जमीन नहीं ढूंढ़ पा रहा है। पीएम आवास बनाए जाने को फतेहगढ़ स्थित ट्रांजिट हॉस्टल चिह्नित किया गया था, लेकिन जिला प्रशासन ने यह जगह निरस्त कर दी। तब से दूसरी जगह ही नहीं मिल पा रही है। आवास के लिए करीब पांच हजार से ज्यादा आवेदक हैं, जो डूडा कार्यालय के चक्कर काट रहे हैं।

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करीब 12 करोड़ की लागत से 198 आवासों की कॉलोनी बनाए जाने की जिम्मेदारी आवास-विकास परिषद को दी गई है। इसके लिए ट्रांजिट हॉस्टल फतेहगढ़ में मार्च 2019 में दो हेक्टेयर भूमि भी आवास-विकास परिषद को खरीदकर दे दी गई थी, लेकिन शासन ने आदेश दिए कि कॉलोनी के लिए 12 मीटर एप्रोच मार्ग आवश्यक है, जबकि ट्रांजिट हॉस्टल का एप्रोच मार्ग सवा आठ मीटर है। जिला प्रशासन ने दूसरी जगह जमीन चिह्नित कर आवास-विकास परिषद को देने के निर्देश डूडा को दिए थे। इसके 18 महीने से ज्यादा बीत गए, लेकिन विभाग जमीन चिह्नित नहीं कर सका है। पता नहीं कब मिलेगी कॉलोनी

पीएम आवास योजना में वर्ष 2016 में आवेदन किया था, लेकिन अभी तक आवास नहीं मिला है। डूडा कार्यालय जाते हैं तो अफसर कह देते हैं कि कॉलोनी के लिए जमीन नहीं मिल रही है।

- जितेंद्र सक्सेना, निवासी बागकूंचा। कॉलोनी बने तो मिले आवास

तीन साल से आवास के लिए डूडा कार्यालय के चक्कर काट रहा हूं। अभी तक आवास मिला नहीं है। डूडा कर्मचारी कहते हैं कि जब कॉलोनी बनेगी तो आवास मिलेगा।

- पंकज बाथम, निवासी हाता मंगल खां। आवास विकास परिषद को ट्रांजिट हॉस्टल फतेहगढ़ की दो हेक्टेयर जमीन खरीदकर दी गई थी, लेकिन शासन के आदेश आए कि कॉलोनी के लिए 12मीटर एप्रोच मार्ग चाहिए, जबकि ट्रांजिस्ट हॉस्टल में सवा आठ मीटर मार्ग है। कई जगह देखीं, लेकिन 12 मीटर एप्रोच मार्ग नहीं मिल रहा है। जिलाधिकारी के माध्यम से शासन को पत्र भेजा गया है कि एप्रोच मार्ग में छूट दी जाए। अगर छूट मिल जाती है तो ट्रांजिट हॉस्टल में ही कॉलोनी बनाई जाएगी।

- जय विजय सिंह, जिला परियोजना अधिकारी।


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