कोरोना ने छीनी बच्चों की खुशियां, सादगी से हुआ रावण दहन
संवाद सूत्र कमालगंज इस बार दशहरा कोरोना की भेंट चढ़ गया। जिस कारण 175 वर्ष बाद इस बार
संवाद सूत्र, कमालगंज : इस बार दशहरा कोरोना की भेंट चढ़ गया। जिस कारण 175 वर्ष बाद इस बार मैदान में सिर्फ प्रतीतात्मक रूप में रावण वध की लीला खेली गई। पुतलों की जगह सिर्फ आतिशबाजी छुड़ाई गई।
कस्बे में मंगलवार को रामलीला मैदान पर द्वादशी पर रावण दहन तो हुआ पर देखने वाले लोग नहीं थे। यहां राम रावण के बीच युद्ध का मंचन किया गया। अध्यक्ष रवि दुबे ने बताया कि इस बार रावण पुतला दहन का आयोजन नहीं किया गया। सिर्फ कुछ आतिशबाजी मंगाकर प्रतीकात्मक रूप से कार्यक्रम को संपन्न कराया गया। रावण दहन न होने से छोटे-छोटे बच्चे व दुकानदार मायूस दिखाई पड़े। रामलीला मैदान पर आतिशबाजी के धमाके सुनकर लोग जब तक वहां पहुंचे तब तक आतिशबाजी का नजारा भी बंद हो गया। इस दौरान कमेटी के महामंत्री राजेंद्र कुमार गुप्ता, केशव चंद गुप्ता, अजय माहेश्वरी, रामू चौरसिया, कुलदीप कुशवाह, राकेश गुप्ता व बल्लू चौरसिया आदि लोग मौजूद रहे। इस बार नहीं होगा गंगा जमुनी भरत मिलाप
175 साल पुरानी परंपरा इस बार कोरोना के चलते टूट गई। कस्बे के चौराहे पर होने वाला राम भरत मिलाप इस बार नहीं होगा। यही नहीं थाने पर होने बाला कमालशाह बाबा का उर्स भी नही मनाया जाएगा। कस्बे का भरत मिलाप व कमालशाह बाबा का उर्स एक ही दिन होता था। जिसके चलते मुख्यमार्ग पूरी रात बंद रहता था। रामलीला कमेटी अध्यक्ष रवि दुबे ने बताया कि इस बार कोरोना के कारण सिर्फ परंपराओं का निर्वहन किया जा रहा है।