स्वच्छता मिशन को लगा पलीता, लाखों के वाहन व उपकरण कबाड़
सरकारी पैसे की बरबादी देखनी है तो नगर पालिका परिषद के स्टोर तक चले जाइए। स्वच्छता अभियान को सफल बनाने के लिए खरीदे गए लाखों रुपये के वाहन व उपकरण जंग खाकर कबाड़ में तब्दील हो रहे हैं। हद तो यह है कि 12 लाख से अधिक कीमत का कांपैक्टर एक दिन भी शहर में दिखाई नहीं दिया।
जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : सरकारी पैसे की बर्बादी देखनी है तो नगर पालिका परिषद के स्टोर तक चले जाइए। स्वच्छता अभियान को सफल बनाने के लिए खरीदे गए लाखों रुपये के वाहन व उपकरण जंग खाकर कबाड़ में तब्दील हो रहे हैं। हद तो यह है कि 12 लाख से अधिक कीमत का कांपैक्टर एक दिन भी शहर में दिखाई नहीं दिया।
स्वच्छ भारत मिशन के तहत नगरपालिका परिषद ने चार साल पहले कांपैक्टर मंगवाया था। इसकी खास बात यह कि करीब 10 ट्राली कूड़ा एक साथ संकलित कर लेता है। उम्मीद थी कि कांपैक्टर के चलने से पालिका को ट्रैक्टर ट्रालियों से कूड़ा उठवाना नहीं पड़ेगा और खर्च भी कम आए, लेकिन न तो इसका रजिस्ट्रेशन कराया गया और न ही बीमा हुआ। यह स्टोर में खड़ा जंग खा रहा है। तंग गलियों में घरों से कूड़ा संकलित कराने के लिए 21 रिक्शे मंगवाए गए थे। यह रिक्शे एक दिन भी नहीं चले और स्टोर में जंग खा रहे हैं। पहियों की हवा तक निकल गई। कई वाहन खराब पड़े हैं। उनकी मरम्मत तक नहीं हो पा रही। पालिका के जिम्मेदार भले ही शहर में सफाई का दावा कर रहे हों, लेकिन हकीकत में लोग परेशान हैं। गंदगी के ढेर जगह-जगह लगे रहते हैं। पालिका के पास इन दिनों 81 वाहन हैं। 14 वाहनों की नीलामी होनी है। 14 वाहन खराब पड़े हैं। कई वाहन चलते ही नहीं हैं। पालिका में वाहनों के प्रभारी महेश ने बताया कि रिक्शा चलवाने के लिए प्रत्येक पर तीन कर्मचारी चाहिए। कांपैक्टर अभी नहीं चल पा रहा है। हूपर खराब है। सही होने पर कांपैक्टर से कूड़ा संकलित कराने का काम कराया जाएगा।