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सीएचसी नहीं इसे तो बस रेफरल सेंटर कहिए जनाब

संवाद सूत्र कमालगंज वर्ष 2010 में जब सीएससी बनाई गई थी तो यहां के लोगों को तसल्ली मिली कि अब

By JagranEdited By: Published: Fri, 28 May 2021 11:07 PM (IST)Updated: Fri, 28 May 2021 11:07 PM (IST)
सीएचसी नहीं इसे तो बस रेफरल सेंटर कहिए जनाब
सीएचसी नहीं इसे तो बस रेफरल सेंटर कहिए जनाब

संवाद सूत्र, कमालगंज : वर्ष 2010 में जब सीएससी बनाई गई थी तो यहां के लोगों को तसल्ली मिली कि अब इलाज के लिए उन्हें जिला मुख्यालय पर भटकना नहीं पड़ेगा। समय के साथ साथ सभी व्यवस्थाएं ही गड़बड़ा गई। यहां किसी विशेषज्ञ चिकित्सक के न होने के कारण अधिकांश मरीजों को जिला अस्पताल के लिए रेफर ही कर दिया जाता है।

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ब्लॉक मुख्यालय होने के साथ-साथ प्रमुख सरकारी कार्यालय भी कस्बे में ही स्थित हैं। इसी कारण वर्ष 2010 में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को उच्चीकृत कर 30 बेड के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को एफआरयू (फ‌र्स्ट रेफलर यूनिट) का दर्जा दिया गया था। शुरुआती दौर में यहां कुछ विशेषज्ञ चिकित्सकों की भी तैनाती की गई, लेकिन धीरे धीरे विभाग ने विशेषज्ञ चिकित्सकों को जिला मुख्यालय पर ट्रांसफर कर दिया। अब सिर्फ एमबीबीएस चिकित्सकों के सहारे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से ओपीडी, प्रसव कार्य, टीकाकरण तथा इमरजेंसी सेवाएं दी जा रही है। इसी सीएचसी से जरारी, गदनपुरतुर्रा, दरौरा, जहानगंज, ताजपुर व न्यामतपुर ठाकुरान के प्राथमिक स्वास्थ केंद्र जुड़े हैं, लेकिन आज तक इन केंद्रों से भी कोई केस यहां नहीं आया। जबकि यहां पर आने वाले अधिकांश केसों को सीधे लोहिया अस्पताल भेजा जाता है।

'अस्पताल में छोटी-मोटी समस्याओं के लिए भी लोहिया अस्पताल के लिए रेफर किया जाता है। जिससे मरीजों को दिक्कत का सामना करना पड़ता है। रात में मरीजों को इलाज के लिए काफी मुश्किल होती है।'

- जयप्रकाश हलवाई, मोहल्ला अशोक नगर।

'दुर्घटना के मामलों में मरीजों की स्थिति सही न होने पर चिकित्सक हाथ लगाना भी उचित नहीं समझते और सीधे लोहिया अस्पताल रेफर कर देते हैं। जिससे अक्सर कई मरीज रास्ते में ही दम तोड़ देते हैं।'

- मनोज कुमार पाठक, श्रंगीरामपुर।

'सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बनने पर लोगों को राहत की उम्मीद जागी थी। यहां 30 बेड का अस्पताल सिर्फ नाम के लिए ही रह गया है। छोटी-मोटी बीमारियों में भी सिर्फ मरीजों को रेफर किया जाता है।'

- रामू चौरसिया, कमालगंज।

'मौजूद संसाधनों से मरीजों का इलाज हमारी टीम के चिकित्सक कर रहे हैं। गंभीर मरीजों के लिए व्यवस्था न होने के कारण जिला मुख्यालय पर मरीजों को रेफर करना पड़ता है। यहां पर विशेषज्ञ चिकित्सकों की तैनाती के लिए पत्र लिखा जा रहा है।'

- डॉ. सोमेश अग्निहोत्री, प्रभारी चिकित्सा अधिकारी।

'सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को इसी सप्ताह स्वयं गोद लिया है। वह सीएससी की व्यवस्थाओं के शासन को पत्र लिखकर विशेषज्ञ चिकित्सकों कि नियुक्ति कराने के लिए प्रयास करेंगे।'

- नागेंद्र सिंह राठौर, विधायक भोजपुर।

सीएचसी पर चिकित्सकों की स्थिति

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मेडिकल आफीसर - 04

आर्थो सर्जन - नहीं

जनरल सर्जन - नहीं

गाइनकोलॉजिस्ट - हैं

नेत्र सर्जन - नहीं

नाक कान रोग - नहीं

एनेस्थीरिया - नहीं

बालरोग - नहीं सीएचसी पर स्टाफ की स्थिति

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पद - जरूरत - मौजूद - रिक्त

वार्ड व्याय - 06 - 02 - 04

चौकीदार : 03 - 00 - 00

स्वीपर : 04 - 01 - 03

स्टाफ नर्स - 12 - 07 - 05

हेल्थ विजिटर - 02 - 00 - 00

एएनएम - 04 - 02 - 02

चीफ फार्मासिस्ट - 01 - 01 - 00

फार्मासिस्ट - 04 - 03 - 01

--------------------------- मौजूद सुविधाएं

डिजिटल एक्सरे

पैथोलाजी

किशोर किशोरी काउन्सलर

टीका करण

प्रसव

सिजेरियन आपरेशन थियेटर

एनबीएसयू

कंगारू मदर यूनिट

आक्सीजन कंसंट्रेटर - 14

आक्सीजन सिलेण्डर : 21

न्योमोलाइजर मशीन : 02

---------------- संसाधन जो मौजूद नहीं

ब्लड बैंक - नहीं

अल्ट्रासाउंड - नहीं

ईसीजी मशीन - है पर टेक्नीशियन नहीं है


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