श्रम प्रवर्तन अधिकारी के खिलाफ चार्ज-शीट का आदेश
श्रम व सेवायोजन विभाग के विशेष सचिव सुरेश चंद्रा ने अपने एक दिवसीय दौरे में विभागीय समीक्षा के दौरान श्रमिकों की मृत्यु व पुत्री के विवाह के अनुदान की वर्षों से लंबित सैकड़ों पत्रावलियां देख कड़ी नाराजगी जताई और पूर्व श्रम प्रवर्तन अधिकारी शिवशंकर पाल के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के निर्देश दिए। इस अवसर पर उन्होंने डीएम व सीडीओ को विभागीय योजनाओं की नियमित समीक्षा के निर्देश दिए।
जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : श्रम व सेवायोजन विभाग के विशेष सचिव सुरेश चंद्रा ने अपने एक दिवसीय दौरे में विभागीय समीक्षा के दौरान श्रमिकों की मृत्यु व पुत्री के विवाह के अनुदान की वर्षो से लंबित सैकड़ों पत्रावलियां देख कड़ी नाराजगी जताई। पूर्व श्रम प्रवर्तन अधिकारी शिवशंकर पाल के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के निर्देश दिए।
समीक्षा के दौरान प्रमुख सचिव ने पाया कि श्रमिकों की मृत्यु के उपरांत परिजनों को मिलने वाले अनुदान की 73 फाइलें कई वर्षो से लंबित हैं। इसके अलावा श्रमिकों की पुत्रियों के लिए विवाह अनुदान की लगभग 113 पत्रावलियां लंबित पाई गई। इस पर बिफरे प्रमुख सचिव ने श्रम प्रवर्तन अधिकारी आरके गुप्ता पूछा कि अनुदान क्या इनके बच्चों की शादी में दोगे। इस पर एलईओ ने बताया कि उन्होंने हाल ही योगदान किया है। फाइलें कई वर्षो से लंबित हैं। प्रमुख सचिव ने पूर्व एलईओ शिवशंकर पाल के खिलाफ आरोप पत्र जारी कर विभागीय कार्रवाई शुरू करने के निर्देश दिए। इस अवसर पर उन्होंने जिलाधिकारी मोनिका रानी व मुख्य विकास अधिकारी डॉ. राजेंद्र पैंसिया को श्रम प्रवर्तन विभाग की योजनाओं की प्रगति की नियमित समीक्षा करने के भी निर्देश दिए। प्रभारी सेवायोजन अधिकारी अब्दुल बारी को रोजगार मेला में नौकरी पाने वाले अभ्यर्थियों को ट्रैक करने और उनके संपर्क में रहने के भी निर्देश दिए गए।
पंजीकरण के लिए अब ऑनलाइन आवेदन
प्रमुख सचिव ने बताया कि श्रमिकों के पंजीकरण की व्यवस्था को अब ऑनलाइन कराने की भी सुविधा दी गई। श्रमिक किसी भी जनसुविधा केंद्र पर जाकर 20 रुपये में अपना पंजीकरण करा सकते हैं। इसके लिए किसी प्रमाणपत्र की भी जरूरत नहीं है। श्रमिकों के लिए 40 योजनाएं हैं संचालित
उन्होंने बताया कि पंजीकृत श्रमिकों के लिए सामान्य मृत्यु पर 2.25 और दुर्घटना में मृत्यु पर 5.25 लाख रुपये का अनुदान मृतक के परिजनों को दिया जाता है। इसके अलावा शादी अनुदान, छात्रवृत्ति आदि सहित लगभग 40 योजनाओें में लाभांवित किए जाने का प्रावधान है।