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फल उत्पादों को कुटीर उद्योग तक ले जाने का आह्वान

जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : मंगलवार को फतेहगढ़ ऑफीसर्स क्लब में दो दिवसीय कृषक प्रदर्शनी

By JagranEdited By: Published: Tue, 26 Jun 2018 06:18 PM (IST)Updated: Tue, 26 Jun 2018 06:18 PM (IST)
फल उत्पादों को कुटीर उद्योग तक ले जाने का आह्वान
फल उत्पादों को कुटीर उद्योग तक ले जाने का आह्वान

जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : मंगलवार को फतेहगढ़ ऑफीसर्स क्लब में दो दिवसीय कृषक प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्ष जिलाधिकारी मोनिका रानी ने इस अवसर पर फल उत्पादों को कुटीर उद्योग के तौर पर विकसित करने की सलाह दी। इससे जहां कम पूंजी में बहुत से लोगों को रोजगार मिल सकेगा, वहीं फल उत्पादक कृषकों को भी लाभ होगा। इसके अलावा जनपद में जनपद का ग्रीन कवर बढ़ने से पर्यावरण में भी सुधार होगा। चिलचिलाती धूप में लगे पांडाल तले हुए कार्यक्रम के दौरान किसान गर्मी से परेशान रहे।

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जिलाधिकारी ने कहा कि आज भी देश की अर्थव्यवस्था में कृषि का महत्वपूर्ण स्थान है। उन्होंने किसानों से परंपरागत कृषि से हटकर अन्य फसलों का लाभ लेने का आह्वान किया। इसके लिए किसान आधुनिक तकनीक का उपयोग खेती में जरूर करें। विशेष फसल वृद्धि द्वारा देश व प्रदेश में अपनी पहचान बनाएं। डीएम ने कहा कि हमारी धरती पर हो रही ऑक्सीजन की कमी को पूरा करने के लिए प्रत्येक व्यक्ति को एक या दो पौधे अवश्य लगाए। उन्होंने कहा कि गंगा के तटवर्ती क्षेत्रों में पौधे अवश्य लगाएं। इससे बाढ़ का प्रकोप घटेगा। इस अवसर पर उन्होंने झरबेरा उत्पादक किसान को बेहतर प्रदर्शन के लिए बधाई दी। इस मौके पर गंगा महेश ने अपनी पुस्तक 'आओ फूल उगाएं' जिलाधिकारी को भेंट की। उपनिदेश उद्यान घनश्याम ¨सह यादव ने भी किसानों को संबोधित किया।

जिला उद्यान अधिकारी नेपाल राम ने बताया कि अमरूद का बाग लगाने पर सरकार द्वारा एक लाख से अधिक की सब्सिडी दी जाती है। कृषकों को आधुनिक ¨सचाई तकनीकों जैसे स्प्रिंकलर, ड्रिप इरीगेशन, रेन-गन आदि उपकरणों की खरीद पर 90 फीसद तक सब्सिडी दी जा रही है। उन्होंने कहा कि कृषकों को अपनी शंकाओं के निदान के लिए आगे आना चाहिए और शासन की ओर से दी जा रही सुविधाओं का लाभ उठाना चाहिए। पॉलीहाउस के अंतर्गत झरबेरा व टमाटर की फसल में लाभ की वृद्धि कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि पॉलीहाउस स्थापना के लिए भी 50 फीसद सब्सिडी सरकार की ओर से दी जा रही है। उन्होंने कि किसान बारहमासी आम लगाएं। जिससे ऑफ-सीजन में आम बेचकर अधिक लाभ कमाया जा सके।

जिला कृषि अधिकारी डा. आरके ¨सह ने रासायनिक खादों के स्थान पर जैविक और प्राकृतिक उपचार के तरीकों पर जोर दिया। कृषि रक्षा अधिकारी विमलेश कुमार ने कहा कि 50 ग्राम नीम के फल को एक लीटर पानी में उबालें। जब पानी आधा रह जाए तो ठंडा कर उसे कीटनाशक के तौर पर छिड़काव करें। यह प्राकृतिक कीटनाशक 8 दिनों तक प्रभावी रहता है।


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