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हस्तशिल्पियों के रोजगार में बैंक बनीं रुकावट

जागरण संवाददाता फर्रुखाबाद कुंभकारों के हाथों को रोजगार मिले और सिगल यूज प्लास्टिक से

By JagranEdited By: Published: Sun, 20 Sep 2020 10:26 PM (IST)Updated: Sun, 20 Sep 2020 10:26 PM (IST)
हस्तशिल्पियों के रोजगार में बैंक बनीं रुकावट
हस्तशिल्पियों के रोजगार में बैंक बनीं रुकावट

जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : कुंभकारों के हाथों को रोजगार मिले और सिगल यूज प्लास्टिक से छुटकारा मिले। इसके लिए प्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री माटी कला रोजगार योजना संचालित की, लेकिन सरकार की इस मंशा में बैंकों ने रोड़ा अटका दिया है। खादी ग्रामोद्योग बोर्ड कार्यालय से वित्तीय वर्ष 2019-20 में चार आवेदकों की पत्रावली स्वीकृत कर ऋण के लिए बैंक भेजी गईं। वित्तीय वर्ष 2020-21 में छह पत्रावली बैंक भेजी गईं, लेकिन बैंकों ने एक भी लाभार्थी को लोन नहीं दिया।

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मिट्टी के बर्तनों को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री माटी कला रोजगार योजना गत वर्ष शुरू की गई थी। सरकार ने इस पेशे से जुड़े कुंभकारों को रोजगार बढ़ाने के लिए एक से दस लाख रुपये का ऋण देने का प्रावधान किया है। इसमें लाभार्थी को सरकार 25 प्रतिशत अनुदान देगी। शहर के ठंडी सड़क स्थित खादी ग्रामोद्योग बोर्ड ने वित्तीय वर्ष 2019-20 में चार लाभार्थियों का योजना के तहत चयन किया। उन्हें ऋण दिलाने के लिए अलग-अलग बैंकों में पत्रावलियां भेजी गईं, लेकिन बैंकों ने एक भी पत्रावली स्वीकृत नहीं की। बहाना बनाकर पत्रावली ठंडे बस्ते में डाल दी। वित्तीय वर्ष 2020-21 में छह पत्रावली बैंकों को भेजी गईं। जिसमें एक पत्रावली बैंक ने बोर्ड को वापस कर दी और पांच लंबित कर दीं। हालांकि सभी बैंकों ने आवेदकों से लोन न दे पाने के लिए कह दिया है। इसकी जानकारी बोर्ड कार्यालय को भी दे दी गई। पिछले दो साल में एक भी लाभार्थी को यहां योजना का लाभ नहीं मिल सका। खादी ग्रामोद्योग बोर्ड के सुपरवाइजर सुशील बाजपेयी ने बताया कि बैंकों से लाभार्थियों को ऋण न मिल पाने की जानकारी उच्चाधिकारियों को दे दी गई है। यह बड़ी समस्या है। बैंक सहयोग नहीं कर रही हैं। बहाना बनाकर बैंक ने टरकाया

गांव झौनी नगला निवासी अखिलेश कुमार प्रजापति ने बताया कि उन्होंने गत वर्ष बैंक से लोन मांगा था। खादी ग्रामोद्योग बोर्ड से पत्रावली स्वीकृत होकर स्टेट बैंक सधवाड़ा भेजी गई थी। बैंक ने कह दिया कि झौनी नगला उनके कार्य क्षेत्र में नहीं आता। वह बैंक आफ इंडिया भी गए थे, वहां भी उन्हें मना कर दिया गया। मिट्टी मिलने में भी दिक्कत आ रही है। पुलिस कर्मी ट्रैक्टर ट्राली रोककर वसूली करते हैं।

ऋण मिलता तो लगा देते अपना प्लांट

कमालगंज थाना क्षेत्र के गांव रजीपुर निवासी विजय कुमार प्रजापति ने बताया कि वह मैनपुरी के गांव रतिभानपुर में अपने साढ़ू के साझे में मिट्टी के बर्तन बनाने का प्लांट लगाए हैं। उन्होंने खादी ग्रामोद्योग बोर्ड में गत वर्ष 10 लाख रुपये का ऋण के लिए आवेदन दिया था। उनकी पत्रावली पंजाब नेशनल बैंक फतेहगढ़ भेजी गई थी। बैंक ने ऋण नहीं दिया।

दीया बनाकर 840 रुपये प्रतिदिन कमा लेती शिवानी

गांव झौनी नगला निवासी अखिलेश कुमार की बहन शिवानी घर में ही छोटी मशीन पर इन दिनों दीपक बना रही हैं। शिवानी ने बताया कि वह एक दिन में 1200 दीपक बना लेती हैं। 70 रुपये सैकड़ा के हिसाब से बिक जाते हैं। भाई ने बैंक से लोन मांगा था। यदि मिल जाता तो वह लोग कारोबार बढ़ा लेते।


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