बाबू जी धीरे चलना, जरा संभलना, बड़े गड्ढे हैं इन राहों में..
जागरण संवाददाता फर्रुखाबाद शहर में विकास के दावे तो खूब हुए। जनप्रतिनिधियों ने इसका लाभ
जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : शहर में विकास के दावे तो खूब हुए। जनप्रतिनिधियों ने इसका लाभ भी उठाया, लेकिन हकीकत में सड़कों की दशा नहीं बदली। प्रमुख सड़क बनने के कुछ दिन बाद ही टूट गई। लोग इन सड़कों पर वर्षों से हिचकोले खा रहे हैं। बाइक व रिक्शे अक्सर गड्ढों में फंस जाते हैं। जागरण टीम ने सोमवार को दूसरे दिन भी सड़कों का जायजा लिया तो हालत खस्ताहाल मिली। ²श्य एक :- नगरपालिका कार्यालय से तहसील होते हुए रकाबगंज तिराहे तक जाने वाली सड़क पर नगरपालिका ने वर्ष 2010 में हॉटमिक्स से सिगल कोट कराया था। जिस पर करीब ढाई लाख रुपये खर्च किया गया था। तब से इस सड़क पर कोई काम नहीं हुआ। हकीकत यह है कि कुछ दिन बाद ही सड़क टूट गई थी। इस सड़क पर जिले के आला अधिकारियों का भी आना-जाना रहता है। फिर भी ध्यान नहीं दिया जा रहा। ²श्य दो :- चिलसरा मार्ग से छोटे-बड़े साहब दरगाह की ओर जाने वाली सड़क का निर्माण वर्ष 2014-15 में नगरीय विकास अभिकरण डूडा ने करीब 35 लाख रुपये की लागत से कराया था। यह सड़क साल भर बाद ही टूट गई थी। अब इस सड़क पर निकलना भी दूभर हो रहा है। जबकि इस सड़क पर शमसाबाद से चिलसरा होकर शहर आने वाले वाहन बड़ी तादाद में निकलते हैं। ²श्य तीन :- चिलसरा मार्ग से कांशीराम कॉलोनी हैवतपुर गढि़या जाने वाली सड़क को वर्ष 2010 में आवास विकास परिषद कानपुर ने करीब 40 लाख रुपये की लागत से बनाया था। कुछ दिन बाद ही यह सड़क टूट गई थी। इस सड़क से नगरपालिका के वाहन कूड़ा लेकर डंपिग स्थल तक आते-जाते हैं। ग्रामीण क्षेत्र के वाहन भी इसी सड़क से निकलते हैं, लेकिन इसके निर्माण की कोई योजना प्रस्तावित नहीं है। कांशीराम कॉलोनी की सड़क शहर से बाहर
नगरपालिका परिषद अध्यक्ष वत्सला अग्रवाल ने बताया कि कांशीराम कॉलोनी नगरपालिका क्षेत्र में शामिल है, लेकिन कॉलोनी के लिए जाने वाली सड़क पालिका क्षेत्र से बाहर है। इससे अभी भ्रम की स्थिति है। इस संबंध में उच्च अधिकारियों से राय लेकर सड़क निर्माण के संबंध में निर्णय लिया जाएगा। नगरपालिका से रकाबगंज तिराहा व चिलसरा रोड से छोटे-बड़े साहब की दरगाह तक जाने वाली सड़क का निर्माण कराने को प्रस्ताव स्वीकृत है। इन सड़कों का निर्माण शीघ्र कराया जाएगा। शहर क्षेत्र में कई एजेंसियां सड़क व नाली निर्माण कराती हैं, लेकिन इसकी जानकारी नहीं देतीं। जबकि नियमानुसार उन्हें पहले पालिका को सूचित करना चाहिए, जिससे नगरपालिका उन सड़कों के निर्माण के संबंध में निर्णय ले सके।