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जीरो बैलेंस पर खोले जाएंगे टीबी मरीजों के डाकघर में खाते

- पांच सौ रुपये देने को की जा रही व्यवस्था - इस धनराशि से कर सकेंगे अपनी सेहत की फिकरमंद जागरण संवाददाता फर्रुखाबाद अभियान चलाकर टीबी रोगियों को चिन्हित कर इलाज किया जा रहा है। उनके इलाज को सरकार प्रति माह पांच सौ रुपये दे रही है। यह धनराशि मरीज के खाते में दी जाने की व्यवस्था की गई है लेकिन मरीजों के खाते न होने पर उन्हें धनराशि नहीं मिल पा रही थी। इसे देखते हुए शासन ने डाकघर में जीरो बैलेंस पर खाते खुलवाए जाने के आदेश दिए हैं। टीबी रोग से निजात दिलाने को शासन के आदेश पर स्वास्थ्य विभाग हर तीन माह में अभियान चलाकर नए टीबी रोगियों की खोज करता है। जिले में पांच हजार से अधिक रोगी हैं। विगत दस जून से 21 जून तक चलाए गए अभियान में

By JagranEdited By: Published: Sun, 15 Sep 2019 10:40 PM (IST)Updated: Mon, 16 Sep 2019 06:32 AM (IST)
जीरो बैलेंस पर खोले जाएंगे टीबी मरीजों के डाकघर में खाते
जीरो बैलेंस पर खोले जाएंगे टीबी मरीजों के डाकघर में खाते

जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : अभियान चलाकर टीबी रोगियों को चिह्नित कर इलाज किया जा रहा है। उनके इलाज को सरकार प्रति माह पांच सौ रुपये दे रही है। यह धनराशि मरीज के खाते में दी जाने की व्यवस्था की गई है, लेकिन मरीजों के खाते न होने पर उन्हें धनराशि नहीं मिल पा रही थी। इसे देखते हुए शासन ने डाकघरों में जीरो बैलेंस पर खाते खुलवाए जाने के आदेश दिए हैं।

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टीबी से निजात दिलाने को शासन के आदेश पर स्वास्थ्य विभाग हर तीन माह में अभियान चलाकर नए टीबी रोगियों की खोज करता है। जिले में पांच हजार से अधिक रोगी हैं। विगत दस जून से 21 जून तक चलाए गए अभियान में 84 टीमों का गठन कर 1089 लोगों के बलगम की जांच कराई गई थी। इनमें 94 नए टीबी रोगी सामने आए थे। निक्षय पोषण योजना के तहत रोगियों को प्रत्येक माह पांच सौ रुपये देने की व्यवस्था की गई है, लेकिन कुछ मरीजों के खाते न होने के चलते उन्हें यह धनराशि नहीं पा रही है। इसे देखते हुए शासन ने रोगी के नजदीकी डाकघर में जीरो बैलेंस पर खाते खुलवाए जाने के आदेश दिए हैं। कुछ मरीजों के पहले बैंक में खाते खुलवाए गए थे। इस धनराशि से मरीज अपनी सेहत का ख्याल रख सकेंगे और पौष्टिक आहार ले सकेंगे। जानकारी के अनुसार एक अप्रैल 2018 से अभी तक 2500 रोगी नए चिन्हित किए जा चुके हैं। कुल 1300 मरीजों के खाते में धनराशि भी भिजवाई जा चुकी है। अन्य मरीजों के खाते न होने व कुछ मरीजों के खाते आधार से लिक न होने के चलते उन्हें धनराशि नहीं मिल सकी है। प्रधानमंत्री ने 2025 तक टीबी मुक्त करने का आह्वान किया है। इसके चलते अभियान चलाकर रोगियों को चिन्हित किया जा रहा है। निक्षय योजना के तहत मरीजों के जीरो बैलेंस पर डाकघर में खाते खुलवाने का काम शुरू कर दिया गया है। ताकि उन्हें पांच रुपये मिल सकें।

डॉ.सुनील मल्होत्रा, जिला क्षय रोग अधिकारी।


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