एक नलकूप के हवाले 40 हजार की आबादी
- एक वर्ष से खराब पड़े दो नलकूप - हैंडपंपों से जरूरत पूरी कर रहे लोग संवाद सूत्र, शमसाबाद : पेयजल व
- एक वर्ष से खराब पड़े दो नलकूप
- हैंडपंपों से जरूरत पूरी कर रहे लोग संवाद सूत्र, शमसाबाद : पेयजल व्यवस्था दुरुस्त होने का दावा पूरे साल सरकारी विभाग करता है। मगर गर्मी में पानी की किल्लत होते ही उसका यह दावा बेमानी साबित होता है। ऐसा ही कुछ हाल शमसाबाद कस्बे का है। यहां की आबादी 40 हजार से अधिक है। मगर इतनी बड़ी आबादी की प्यास बुझाने के लिए वर्तमान में महज एक ही नलकूप सही हालत में है। इसके बाद भी कई मोहल्लों में इसका पानी नहीं पहुंच रहा है। यह लोग हैंडपंप से पानी भरने को विवश हैं।
कस्बे में तीन नलकूप लगे हैं। जिनमें से दो नलकूप पिछले एक वर्ष से खराब पड़े हैं। एक नलकूप से 19 वार्डो को सप्लाई दी जा रही है। मात्र एक पानी की टंकी है, जिससे सभी मोहल्लों को पेयजल सप्लाई हो रही है। बिजली आने पर ही मोहल्ले वासियों को सप्लाई मिलती है। पानी में प्रेशर न होने के कारण कई दारुद गिरा, चौखंडा, दुबे, सावन टोला आदि में पानी नहीं पहुंच पा रहा है। जिसकी शिकायत मोहल्लेवासी नगर पंचायत कार्यालय में कर चुके हैं, लेकिन किसी ने आज तक ध्यान नहीं दिया है। जिससे जनता को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। 478 में 27 हैंडपंप खराब
कस्बे में 478 हैंडपंप लगे हैं, जिसमें से 27 हैंडपंप खराब पड़े हैं। जिससे इस भीषण गर्मी में जनता को पेयजल के लिए काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
क्या कहते हैं जिम्मेदार -नगर पंचायत के लिपिक मुकेश बाबू ने बताया कस्बे में जो पाइप लाइन पड़ी है वह 1967 में बिछाई गई थी। वह अधिकांश खराब हो गई है। उसके बाद कुछ मोहल्लों में 2002 में नई लाइन बिछाई गई थी। नलकूप खराब होने की कई बार शिकायत जल निगम को की जा चुकी है, उसके बाद भी इसका निस्तारण नहीं हुआ है। जल निगम द्वारा एक नलकूप रीबोर कर दिया गया है, लेकिन अभी उसको चालू नहीं किया गया है। -नगर पंचायत अध्यक्ष कृष्णा देवी ने बताया कि नलकूप को रीबोर कराने के लिए जिलाधिकारी से लेकर जल निगम तक कई बार पत्राचार किया जा चुका है। चार नए नलकूप तथा पानी की टंकी वर्तमान में प्रस्तावित है। हैंडपंप खराब होते हैं उनको तत्काल सही करा दिया जाता है। जो हैंडपंप रीबोर के लिए हैं, उनकी नई बो¨रग कराने के लिए जल निगम को लिखा जा चुका है तथा 73 नए हैंडपंप लगाने के लिए भी जल निगम को लिखा गया है।