70 फीसद स्कूलों में कायाकल्प के कार्य अधूरे
जागरण संवाददाता फर्रुखाबाद जिले के परिषदीय विद्यालयों की दशा सुधरने में अभी वक्त लग रहा है
जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : जिले के परिषदीय विद्यालयों की दशा सुधरने में अभी वक्त लग रहा है। ज्यादातर विद्यालय शासन के 14 पैरामीटर को पूरा नहीं कर पा रहे हैं। लगभग 1568 परिषदीय विद्यालयों में से महज 515 विद्यालय ही सौ फीसद मानकों को पूरा कर पाए हैं, जबकि 31 मार्च तक काम को पूरा करके शासन को रिपोर्ट भेजी जानी थी। बुधवार को बढ़पुर ब्लॉक के कुछ विद्यालयों की पड़ताल की, जिनमें एक-एक साल से कायाकल्प का कार्य चल रहा है, लेकिन वह अधूरे पड़े हैं। यह हाल पूरे जिले में है। केस-1
'प्राथमिक विद्यालय पचपुखरा में मल्टीपल हैंडवॉश, शौचालय, रैंप आदि कार्य अधूरे थे। परिसर में मलबा पड़ा था। रंगाई-पुताई व बिजली की फिटिग ही नजर आई। प्रधानाध्यापिका नीतू मिश्रा ने बताया कि वर्ष 2020 में कायाकल्प से कार्य शुरू हुआ था। सिर्फ बिजली की फिटिग व रंगाई-पुताई का कार्य ही पूर्ण है। कुछ रंगाई-पुताई कंपोजिट ग्रांट से उन्होंने कराई है। सेक्रेटरी फोन नहीं उठाते हैं। शौचालय न होने से शिक्षिकाओं को काफी दिक्कत होती है।'
केस-2
'प्राथमिक विद्यालय कुइंयाबूट में मल्टीपल हैंडवॉश नजर नहीं आया। रैंप भी नहीं बना था। बिजली की फिटिग भी ठीक नहीं थी। कक्षा कक्षों में टायलीकरण था। दो अतिरिक्त कक्षा कक्ष जर्जर पड़े थे, जिनमें कबाड़ भरा था। इंचार्ज प्रधानाध्यापिका स्नेहलता श्रीवास ने बताया कि कायाकल्प में अतिरिक्त कक्षा कक्षों का निर्माण शामिल नहीं है। रैंप का काम जल्द ही करवा दिया जाएगा। कोरोना को देखते हुए मल्टीपल हैंडवॉश अलग-अलग बनवाए हैं।' केस-3
'उच्च प्राथमिक विद्यालय ढिलावल में बाउंड्रीवाल नहीं बनी थी। मल्टीपल हैंडवॉश की टोटियां भी टूटी थीं। बिजली कनेक्शन के साथ ही मल्टीपल हैंडवॉश व शौचालय में पानी का कनेक्शन नहीं था। रैंप भी नहीं बना था। वाटर हार्वेस्टिग सिस्टम भी अधूरा पड़ा था। कक्षा कक्षों में टायलीकरण के साथ ही बिजली फिटिग थी। प्रधानाध्यापिका पुष्पलता यादव ने बताया कि सेक्रेटरी ने आश्वासन दिया है कि जल्द ही अधूरा पड़ा काम पूर्ण करवा देंगे।' सीडीओ को करा चुके अवगत
'1568 परिषदीय विद्यालयों में कायाकल्प के कार्य चल रहे हैं। अभी तक सिर्फ 515 स्कूलों में ही कार्य पूर्ण हैं। इसकी सूचना मुख्य विकास अधिकारी को दे चुके हैं। कायाकल्प के कार्य पंचायती राज विभाग द्वारा करवाए जा रहे हैं।' जितेंद्र सिंह, प्रभारी जिला समन्वयक निर्माण