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4500 शहरी उपभोक्ता 20 यूनिट से कम खर्च कर रहे बिजली

जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : शहर में ज्यों-ज्यों सख्ती से चे¨कग हुई, बिजली चोरी बढ़ती गई। ह

By JagranEdited By: Published: Mon, 24 Sep 2018 10:57 PM (IST)Updated: Mon, 24 Sep 2018 10:57 PM (IST)
4500 शहरी उपभोक्ता 20 यूनिट से कम खर्च कर रहे बिजली
4500 शहरी उपभोक्ता 20 यूनिट से कम खर्च कर रहे बिजली

जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : शहर में ज्यों-ज्यों सख्ती से चे¨कग हुई, बिजली चोरी बढ़ती गई। हालांकि इसमें भी मिलीभगत का खेल खुलेआम झलक रहा है। हालात यह हैं कि शहर के 4500 उपभोक्ता ऐसे हैं, जिनके 20 यूनिट से भी कम बिजली खपत के बिल बन रहे हैं। इनमें ऊंचे भवन वाले भी शामिल हैं। बिजली चोरी में मिलीभगत के खेल ने चे¨कग अभियान की पोल खोल दी है।

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शासन से बिजली चोरी पर भले ही सख्ती हो, लेकिन जिम्मेदारों की मनमानी इस पर हावी है। चे¨कग अभियान भी खेल की भेंट चढ़ जाता है। बिजली चोरी के अधिकांश मामले थाने तक पहुंचते ही नहीं। बिचौलियों की बात न मानने वालों की एफआइआर कराई जाती है। उनकी चे¨कग रिपोर्ट में भी अनतौल लोड भर दिया जाता है। कई मोहल्लों में जिम्मेदारों की शह पर खुलेआम बिजली चोरी की जा रही है। एसी चलाने वालों से महीने में बंधी रकम वसूली जा रही है। हालात यह हैं कि फर्रुखाबाद में हजारों की संख्या में एसी चल रहे हैं। अधिशासी अभियंता ने गर्मी की शुरुआत में ही प्रति फीडर एसी की संख्या मांगी थी, लेकिन उपलब्ध नहीं कराई गई। चे¨कग अभियान में भी फर्रुखाबाद में बिजली चोरी से चलती कोई एसी भी नहीं पकड़ी गई। हालांकि फतेहगढ़ में दो दर्जन से अधिक एसी पकड़कर शमनशुल्क भी जमा कराया गया। इस माह हुई बि¨लग में पोल खुलकर सामने आ गई है। विभागीय जानकारी के अनुसार 4500 से अधिक उपभोक्ता ऐसे हैं जो 20 यूनिट से कम बिजली खर्च कर रहे हैं। इनमें 10 से 20 यूनिट खपत वाले 1653, 5 से 10 यूनिट वाले 810, दो से 5 यूनिट वाले 785 उपभोक्ता शामिल हैं। इसके अलावा 716 उपभोक्ताओं के मात्र एक यूनिट के, जबकि 558 बिल शून्य यूनिट के बने हैं। क्या कहते हैं जिम्मेदार

अधिशासी अभियंता नगरीय पंकज अग्रवाल ने बताया कि गरीब उपभोक्ता भी 40 से 50 यूनिट बिजली खर्च करता है। 4500 से अधिक बिल 20 यूनिट से कम बनना बिजली चोरी साबित करता है। अवर अभियंताओं की लापरवाही के चलते कई मोहल्लों में चे¨कग टीम जाती ही नहीं है। बिजली चोरी न रुकने से विभाग के राजस्व का चूना लग रहा है।


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