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अगले वर्ष को फिर 254.53 करोड़ की जिला योजना तैयार

जागरण संवाददाता फर्रुखाबाद चालू वित्तीय वर्ष की 254.53 करोड़ की जिला योजना के सापेक्ष बजट क

By JagranEdited By: Published: Thu, 18 Mar 2021 07:42 PM (IST)Updated: Thu, 18 Mar 2021 07:42 PM (IST)
अगले वर्ष को फिर 254.53 करोड़ की जिला योजना तैयार
अगले वर्ष को फिर 254.53 करोड़ की जिला योजना तैयार

जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : चालू वित्तीय वर्ष की 254.53 करोड़ की जिला योजना के सापेक्ष बजट का टोटा रहने के बावजूद एक बार फिर अगले वित्तीय वर्ष के लिए इसी धनराशि की योजना थोड़े बहुत फेरबदल के साथ अनुमोदित कर दी गई। जहां कई विभागों को लाखों रुपये के बजट के प्रावधान के बावजूद फूटी कौड़ी नहीं मिली, वहीं अगले वर्ष की योजना में भी कई विभाग बजट के लिए तरसते दिखे।

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इस वित्तीय वर्ष में सिचाई एवं जल संचयन, पूल्ड आवास, नगर विकास, होमियोपैथिक चिकित्सा, आयुर्वेदिक व यूनानी चिकित्सा के अलावा सहकारिता विभाग को भी लाखों रुपये के बजट के सापेक्ष शासन से धनराशि अवमुक्त नहीं हो सकी। अतिरिक्त ऊर्जा स्त्रोत और शिल्पकार प्रशिक्षण को भी कोई बजट नहीं मिला। वहीं सड़क एवं पुल के मद में अनुमोदित 2953.93 लाख के अनुमोदित परिव्यय के सापेक्ष मात्र 41.83 (1.41 फीसदी) और ग्रामीण स्वच्छता कार्यक्रम को 1273.44 के सापेक्ष मात्र 2.04 लाख (0.16 फीसद) ही बजट मिल सका। पर्यटन विभाग को दस लाख के सापेक्ष मात्र दो लाख रुपये मिले। कृषि विभाग को 28 लाख में से 6.76, पशु पालन को 2.59 करोड़ में मात्र 60.53 लाख और दुग्ध विकास को 2.93 करोड़ के सापेक्ष मात्र 28.92 लाख का ही बजट मिल सका। आगामी वित्तीय वर्ष के लिए अनुमोदित की गई 254.53 करोड़ की जिला योजना में भी सिचाई एवं जल संसाधन, भूमि सुधार, रेशम उद्योग, सेवा योजन विभाग को कोई बजट प्रस्तावित नहीं किया गया है। हालांकि सड़क एवं पुल के मद में इस बार भी 24.21 करोड़, माध्यमिक शिक्षा के लिए 35.48 करोड़, ग्रामीण आवास के लिए 24 करोड़ और समाज कल्याण विभाग के लिए 36.95 करोड़ के बजट का प्राविधान किया गया है। वहीं पशुपालन को 2.07, दुग्ध विकास को 2.95, सहकारिता को 2.57, वन विभाग को 9.90, परिवार कल्याण को 5.64, अनुसूचित जाति कल्याण को 4.46 और पिछड़ी जाति कल्याण को 5.37 करोड़ के बजट का प्राविधान किया गया है। हालांकि कृषि विभाग को मात्र 28 लाख, अतिरिक्त ऊर्जा स्त्रोत को 90 लाख, होम्योपैथी चिकित्सा को 30 लाख, आयुर्वेदिक चिकित्सा को 98.06 और यूनानी चिकित्सा को 28.90 लाख के बजट का अनुमोदन किया गया है। एलोपैथिक चिकित्सा के लिए 5.65 करोड़ का प्राविधान किया गया है।


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