रेमडेसिविर इंजेक्शन पर प्रिट 1299 बिक्री 1800, आए दिन होता विवाद
जागरण संवाददाता फर्रुखाबाद नर्सिंग होम में भर्ती मरीजों को रेमडेसिविर इंजेक्शन 1800 रुपये
जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : नर्सिंग होम में भर्ती मरीजों को रेमडेसिविर इंजेक्शन 1800 रुपये में दिया जा रहा है, लेकिन इंजेक्शन का प्रिट 1299 रुपये का है। इस पर सीएमओ कार्यालय स्थित ड्रग स्टोर में मरीजों के तीमारदारों और स्वास्थ्य कर्मचारियों में विवाद होता है।
कोरोना संक्रमण की चपेट में आने वालों की हालत गंभीर होने पर उन्हें रेमडेसिविर इंजेक्शन लगाया जाता है। ताकि उनकी जान बचाई जा सके। इस इंजेक्शन की कालाबाजारी होने पर सरकार ने रेमडेसिविर इंजेक्शन अपने हाथों में ले लिया। सरकारी अस्पतालों में बनाए गए एल-2 ॉस्पिटल में भर्ती मरीजों को रेमडेसिविर निश्शुल्क लगाया जा रहा है। जबकि कोविड प्राइवेट अस्पतालों को शासन ने रेमडेसिविर 1800 रुपये में देने के आदेश दिए। रेमडेसिविर में 1299 रुपये का प्रिट पड़ा है। जबकि तीमारदारों को 1800 रुपये में रेमडेसिविर दिया जा रहा है। प्रिट रेट से अधिक रुपये लेने पर आए दिन ड्रग स्टोर में विवाद होता है। इस दौरान फार्मासिस्टों से अभद्रता की जाती है। मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. वंदना सिंह ने बताया कि पहले रेमडेसिविर एल-2 हॉस्पिटल में मरीजों के लिए ही था, लेकिन कोविड नर्सिंग होम को शासन ने 1800 रुपये में इंजेक्शन देने के आदेश दिए हैं। इस पर नर्सिंग होम में भर्ती मरीजों को 1800 रुपये में रेमडेसिविर इंजेक्शन दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि 1800 रुपये की रसीद भी दी जा रही है।
इन अस्पतालों में हैं रेमडेसिविर
स्वास्थ्य विभाग को 697 रेमडेसिविर इंजेक्शन मिले थे। इनमें अभी तक शहर के नाला मछरट्टा हॉस्पिटल को छह, केपी सिंह ॉस्पिटल को दो, सिटी ॉस्पिटल को चार और माया ॉस्पिटल को दो रेमडेसिविर 1800 रुपये में दिए गए हैं। कुछ इंजेक्शन वरिष्ठ अधिकारी ले गए तो सरकारी अस्पतालों में भर्ती मरीजों को लगा दिए गए। इस समय 419 रेमडेसिविर बचे हैं।