यश स्किल्स ने की कागज उद्योग में विश्वस्तरीय पाठ्यक्रम की शुरुआत
उद्योग एवं वाणिज्य मंत्रालय के वरिष्ठ निदेशक ने पल्प एंड पेपर ऑपरेशंस और फाइबर मोल्डेड प्रोडक्ट ऑपरेशंस कोर्स का किया शुभारंभ. प्रतिवर्ष 40 युवा कागज उद्योग के क्षेत्र में प्राप्त कर सकेंगे रोजगार.
अयोध्या : 40 वर्षों से गुणवत्ता पूर्ण कागज बनाने व कई देशों में निर्यात करने वाली जिले की एकमात्र इकाई यश पैका लिमिटेड ने अपने प्रशिक्षण संस्थान यश स्किल्स के जरिए युवाओं को कागज एवं मोल्डेड फाइबर के क्षेत्र में प्रशिक्षित करने का निर्णय लिया है।
शुक्रवार को यश स्किल्स एवं सेंट्रल पल्प एंड पेपर रिसर्च इंस्टीट्यूट की सहभागिता से विश्व स्तरीय दो नए कोर्स, पल्प एंड पेपर ऑपरेशंस और फाइबर मोल्डेड प्रोडक्ट ऑपरेशंस का शुभारंभ किया गया। कोर्स के माध्यम से 40 लाभार्थी प्रतिवर्ष प्रशिक्षण प्राप्त कर कागज उद्योग में रोजगार प्राप्त करेंगे। इस अवसर पर मुख्य अतिथि उद्योग एवं वाणिज्य मंत्रालय, भारत सरकार के वरिष्ठ निदेशक डॉ. शांति स्वरूप गुप्त ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस मौके पर सेंट्रल पल्प एंड पेपर रिसर्च इंस्टीट्यूट के निदेशक डॉ. एमके गुप्त, रसायन वैज्ञानिक डॉ. एके दीक्षित, जिगल बेल नर्सरी स्कूल सोसाइटी की निदेशक मंजुला झुनझुनवाला एवं यश पैका के प्रबंध निदेशक जगदीप हीरा मौजूद रहे।
मुख्य अतिथि डॉ. गुप्त ने नए पाठ्यक्रमों का उद्घाटन करते हुए कहा कि पल्प एंड पेपर ऑपरेशंस कोर्स भारत का पहला एवं फाइबर मोल्डेड प्रोडक्ट ऑपरेशंस कोर्स विश्व का पहला एकमात्र अद्वितीय पाठ्यक्रम होगा, जो यश स्किल्स संचालित किया जाएगा। विशिष्ट अतिथि सेंट्रल पल्प एंड पेपर रिसर्च इंस्टीट्यूट के निदेशक डॉ. गुप्त ने कहा कि पल्प एंड पेपर उद्योगों के लिए यह एक सराहनीय पहल है, यह कदम उद्योगों को विश्व स्तरीय कागज की गुणवत्ता मिलने में सहायक होगा। कार्यक्रम का संचालक यश स्किल्स के ऑपरेशन हेड रमेश कोटी ने करते हुए कहा कि इस पाठ्यक्रम का प्रशिक्षण शुल्क प्रति छात्र बीस हजार प्रतिवर्ष होगा और इसमें प्रवेश प्राप्त करने के लिए लाभार्थियों को प्रवेश परीक्षा में कम से कम 34 प्रतिशत अंक प्राप्त करना अनिवार्य होगा। उद्घाटन सत्र में यश पैका के ऑपरेशन हेड परितोष राय, प्रोजेक्ट हेड नरेंद्र अग्रवाल, कामर्शियल हेड मनोज मौर्य, लायसन हेड गौतम घोष, सेल्स हेड शैलेश सिंह सहित अन्य कर्मी मौजूद रहे।