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भ्रष्टाचार करने पर दस संस्थाओं को नगर निगम ने किया निलंबित

नगर आयुक्त की ओर से कराई गई जांच में पकड़ी गई अनियमितता टेंडर में बयाना राशि को लेकर ठेकेदारों ने नियमों की उड़ाई धज्जियां

By JagranEdited By: Published: Wed, 15 Sep 2021 12:34 AM (IST)Updated: Wed, 15 Sep 2021 12:34 AM (IST)
भ्रष्टाचार करने पर दस संस्थाओं को नगर निगम ने किया निलंबित
भ्रष्टाचार करने पर दस संस्थाओं को नगर निगम ने किया निलंबित

अयोध्या : नगर निगम में कुछ ठेकेदारों ने नियमों की जमकर धज्जियां उड़ाईं। टेंडर के दौरान जमा होने वाली अर्नेस्ट मनी डिपाजिट (ईएमडी) में बड़ा भ्रष्टाचार किया गया। एक ईएमडी का उपयोग कई टेंडर में किया गया। इसकी भनक लगने के बाद नगर आयुक्त विशाल सिंह ने मामले की उच्च स्तरीय जांच कराई, जिसमें दस फर्म दागी पाई गईं। इन फर्मों को निलंबित कर दिया गया है। यही नहीं भ्रष्टाचारियों पर नकेल कसते हुए इन फर्मों से संबंधित जानकारी जल संस्थान, स्वास्थ्य विभाग और पावर कार्पोरेशन को भी दे दी गई है। नगर निगम के इस कठोर कदम से संबंधित फर्मों को इन महकमों में भी ठेका मिलना मुश्किल हो जाएगा। इस प्रकरण की जांच बहुत ही गोपनीय ढंग से कराई गई, जिसकी जानकारी सतह तक आने ही नहीं पाई। कार्रवाई होने के बाद इसका जानकारी हुई तो ठेकेदारों में हड़कंप मच गया। भ्रष्टाचार को लेकर कार्रवाई की जद में आए ठेकेदारों के सफेदपोश सरपरस्तों में भी खलबली मच गई है। नगर निगम से जुड़े जानकारों की माने तो यह प्रकरण 14वें वित्त से जुड़े कार्यों से संबंधित है। ईएमटी बयाना राशि को कहते हैं, जो टेंडर के कागजातों के साथ ठेकेदार संलग्न करता है। ठेके से संबंधित कार्य समाप्त होने के बाद इसकी पांच प्रतिशत धनराशि फर्म को वापस हो जाती है, जबकि पांच प्रतिशत धनराशि पांच वर्ष बाद फर्म को वापस होती है, लेकिन कार्रवाई की जद में आई फर्मों ने एक ईएमडी का दुरुपयोग किया। मुख्य अभियंता अविनाश अवस्थी का कहना है कि अनियमितता बरतने वाली दस फार्मों को निलंबित कर दिया गया है। ..........

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भ्रष्टाचार को लेकर पार्षदों में बढ़ी नाराजगी

-नगर निगम में व्याप्त भ्रष्टाचार को लेकर पार्षदों में भी नाराजगी व्याप्त है। मंगलवार को भाजपा पार्षदों की बैठक नाका स्थित गणपति गेस्ट हाउस में हुई। उपसभापति बृजेंद्र बहादुर सिंह व पार्षद दल नेता अशोक द्विवेदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में अधिकारियों की मनमानी एवं कार अनुभाग में व्याप्त अनियमितता पर रोष व्यक्त किया गया। पार्षदों ने कहाकि सिविल लाइन स्थित नगर निगम के वर्तमान कार्यालय को आसिफबाग स्थानांतरित करने की योजना को रोकना चाहिए। यह जनता से सीधा जुड़ा विभाग है। इसलिए कार्यालय जनता की पहुंच में होना चाहिए। इसे लेकर पार्षदों ने नगर विकास मंत्री आशुतोष टंडन को ज्ञापन भी सौंपा है। बैठक में पार्षद अनुभव जायसवाल, रीना सिंह, संतोष सिंह, नीलम सिंह, सुधा रानी, दिलीप यादव, फरीद कुरैशी, अर्चना श्रीवास्तव आदि मौजूद रहे।


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