अयोध्या में राम की प्रतिमा के लिए जमीन की उपलब्धता के आधार पर लगाई जाएगी
अयोध्या में भगवान राम की दर्शनीय प्रतिमा जमीन की उपलब्धता के आधार पर लगाई जाएगी इसके लिए दो स्थान देखे गए हैं।
अयोध्या (जेएनएन)। अयोध्या में भगवान राम की दर्शनीय प्रतिमा जमीन की उपलब्धता के आधार पर लगाई जाएगी इसके लिए दो स्थान देखे गए हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज सुबह सरयू तट पर पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि केंद्र और प्रदेश सरकार अयोध्या के विकास के लिए प्रतिबद्ध हैं। अयोध्या में आश्रयहीन लोगों के लिए मां कौशल्या के नाम से एक सदन का निर्माण भी किया जाएगा। राम मंदिर के सवाल पर योगी ने कहाकि वहां पर मंदिर है उसे सिर्फ भव्य स्वरूप दिया जाना है और इस दिशा में संवैधानिक दायरे में सकारात्मक प्रयास किये जा रहे हैं।
मंदिर निर्माण की दिशा में सकारात्मक प्रयास
योगी ने कहा कि रामलला जहां विराजमान हैं, वह स्थल मंदिर ही है और वहां लोग दर्शन करने आते हैं करोड़ों लोग चाहते हैं कि जिस स्थल पर रामलला विराजमान हैं वहां मंदिर का निर्माण हो सरकार इस दिशा में सकारात्मक प्रयास कर रही है। संवैधानिक दायरे में रहकर मंदिर निर्माण की संभावना प्रशस्त करने में लगी है। मुख्यमंत्री नया घाट स्थित राही निवास में मीडिया से मुखातिब थे और राम मंदिर के संबंध में पूछे गए सवाल का जवाब दे रहे थे मंगलवार को दीपोत्सव में शरीक होने आए मुख्यमंत्री ने रात्रि सर्किट हाउस में प्रवास किया और सुबह वे पुन: रामनगरी में थे। इस दौरान उन्होंने अयोध्या की विकास योजनाओं के प्रति प्रतिबद्धता जताई और कहा अयोध्या के विकास को लेकर केंद्र तथा प्रदेश सरकार की ओर से कई योजनाएं प्रस्तावित हैं। कई स्थलों का सर्वे भी हो चुका है।
पर्यटन विकास की बड़ी उम्मीद
योगी ने कहा कि हमारी टीम विकास को लेकर युद्ध स्तर पर प्रयासरत है। मुख्यमंत्री ने दीपोत्सव को प्रान्तीयकृत मेला की हैसियत दिलाने का भी एलान किया राम नगरी के पर्यटन विकास की बड़ी उम्मीद के तौर पर प्रस्तावित भगवान राम की 151 मीटर ऊंची प्रतिमा के बारे में भी मुख्यमंत्री ने जानकारी दी उन्होंने बताया कि प्रतिमा स्थापित होने के लिए साइट देखी जा चुकी है। इस दौरान मुख्यमंत्री ने अयोध्या में निराश्रित महिलाओं के लिए एक सदन की स्थापना का भी ऐलान किया। इससे पूर्व मुख्यमंत्री ने हनुमानगढ़ी तथा रामलला का दर्शन करने के साथ राम जन्म भूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास व दिगम्बर अखाड़ा के महंत सुरेशदास से भेंट की।