अयोध्या में लगेगी राम की प्रतिमा, स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी से भी ज्यादा होगी ऊंचाई
अयोध्या में प्रस्तावित भगवान राम की प्रतिमा की ऊंचाई न्यूयार्क की स्टैच्यू आफ लिबर्टी से अधिक लेकिन अहमदाबाद की स्टैच्यू ऑफ यूनिटी से कम होगी।
अयोध्या (जेएनएन)। अयोध्या में राम मंदिर निर्माण हो न हो लेकिन भगवान राम की भव्य प्रतिमा से इसकी भरपाई की कोशिशें जारी हैं। इसके लिए अयोध्या में दुनिया की तीसरी सबसे ऊंची प्रतिमा स्थापित की जाएगी।
आठ सौ करोड़ की लागत से प्रतिमास्थल पर स्मारक और प्रतिमा के ऊपर मंदिरनुमा छत्र भी बनाया जाएगा। अयोध्या में प्रस्तावित भगवान राम की इस प्रतिमा की ऊंचाई न्यूयार्क में स्थापित स्टैच्यू आफ लिबर्टी से अधिक लेकिन अहमदाबाद में स्थापित स्टैच्यू ऑफ यूनिटी से कम होगी।
विश्व की सबसे ऊंची इमारतें
- अहमदाबाद में स्थापित स्टैच्यू ऑफ यूनिटी : 182 मीटर
- चीन में स्थापित स्प्रिंग टेम्पल बुद्धा : 153 मीटर
- अयोध्या में प्रस्तावित श्रीराम प्रतिमा : 151 मीटर
- न्यूयार्क में स्थापित स्टैच्यू आफ लिबर्टी : 93 मीटर
प्रस्तावित राम मंदिर से जुड़ी खास बातें
- मंदिरनुमा छतरी के नीचे श्रीराम प्रतिमा
- 50 मीटर प्लेटफार्म पर रामकथा का अंकन
- अभिषेक-माल्यार्पण व्यवस्था बाहर होगी
- किसानों की 20 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहीत
- डिजाइन और आर्किटेक्ट की तैयारी शेष
अयोध्या में भगवान राम की 151 मीटर ऊंची प्रतिमा
अयोध्या में करीब आठ सौ करोड़ की लागत से 151 मीटर ऊंची भगवान राम की ऐसी भव्य प्रतिमा स्थापित करने का खाका बना है जो न केवल अयोध्या की भव्यता में चार चांद लगाएगी बल्कि मंदिर निर्माण को लेकर जो लोग मौजूदा सरकार पर उदासीनता का आरोप लगा रहे हैं, उनके लब भी खामोश होंगे। प्रस्तावित प्रतिमा की जो ऊंचाई प्रस्तावित है, वह उसे विश्व की तीसरी सबसे ऊंची प्रतिमा का गौरव भी प्रदान करेगी।
रामनगरी गौरवान्वित करने का अभियान
दीपोत्सव को लेकर रामनगरी को जिस कदर सजाया-संवारा जा रहा है, उसे देखकर रामनगरी की अस्मिता का हामी कोई भी निहाल हो सकता है। रामनगरी को गौरवान्वित करने संबंधी प्रदेश सरकार का अभियान इतने पर ही रुकने वाला नहीं है। भगवान राम की प्रतिमा के साथ पूरे क्षेत्र में जो स्मारक तैयार होगा उसकी अनुमानित लागत आठ सौ करोड़ आंकी गई है। योगी सरकार की इस तैयारी से भाजपा के उन विरोधियों के कान भी खड़े होने लगे हैं, जो मंदिर मुद्दे पर भाजपा को घेरने की हसरत रखते हैं।
मंदिर निर्माण का विकल्प नहीं
शिवसेना प्रदेश अध्यक्ष अनिल सिंह कहते हैं कि मंदिर निर्माण का विकल्प नहीं है। भाजपा चाहे जितनी कवायद कर ले पर मंदिर से जुड़ी जिम्मेदारी स्वीकारनी होगी और इससे पल्ला झाडऩे पर उसे वादाखिलाफ ही कहा जाएगा। निष्काम सेवा ट्रस्ट के व्यवस्थापक महंत रामचंद्रदास तो कहते हैं कि भगवान राम की भव्य प्रतिमा, रामनगरी को विश्व पर्यटन के मानचित्र पर स्थापित करने की पहल तथा रामजन्मभूमि पर मंदिर निर्माण सिक्के के दो पहलू की तरह हैं पर अयोध्या को इतनी गहन गरिमा प्रदान करने की पहल स्वागतयोग्य है। इससे रामलला को मेक शिफ्ट स्ट्रक्चर में विराजमान देखने की खिन्नता पर मरहम लगेगा।
राम की पैड़ी की होगी रिमॉडलिंग
योगी सरकार ने राम की पैड़ी रिमॉडलिंग की परियोजना को हरी झंडी दे दी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से शिलान्यास कराने की सिंचाई विभाग की तैयारी अंतिम चरण में है। 29 करोड़ की परियोजना का शिलान्यास मुख्यमंत्री से कराया जाना है। दीपोत्सव के कार्यक्रम में मुख्यमंत्री को छह नवंबर को अयोध्या आना है। कार्तिक मेला के बाद रिमॉडलिंग परियोजना पर कार्य शुरू होगा। इसमें राम की पैड़ी की क्षमता 40 क्यूसेक से बढ़ाकर 240 क्यूसेक की जानी है। सरयू नदी से पानी लिफ्ट करने की क्षमता बढ़ जाने से हरि की पैड़ी की तर्ज पर राम की पैड़ी में अविरल प्रवाह बनाए रखने का दावा सिंचाई विभाग के इंजीनियर करते हैं।