अयोध्या में राम मंदिर कभी भी भाजपा का चुनावी मुद्दा नहीं रहाः केंद्रीय मंत्री
केंद्रीय मंत्री शिव प्रताप शुक्ल ने कहा कि राम मंदिर कभी भी भाजपा का चुनावी मुद्दा नहीं रहा। यह आस्था का मुद्दा है। हमारी भूमिका साधु-संतों के सहयोगी के रूप में है।
जेएनएन, फैजाबाद । केंद्रीय मंत्री शिव प्रताप शुक्ल ने कहा कि राम मंदिर कभी भी भाजपा का चुनावी मुद्दा नहीं रहा। यह आस्था का मुद्दा है। हमारी भूमिका साधु-संतों के सहयोगी के रूप में है। मंदिर सरकार नहीं, बल्कि साधु-संत और जनता बनाती है। उन्होंने कहा कि इस मसले का समाधान तीन तरीकों से हो सकता है। कानून बनाकर, आपसी सहमति अथवा अदालत के माध्यम से। रविवार को वह पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने केंद्र सरकार की उपलब्धियों को भी साझा किया।
भाजपा का जन्म ही मंदिर के लिए हुआ : नृत्यगोपालदास
राम मंदिर निर्माण पर भाजपा नेताओं के बयान पर रामजन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपालदास ने नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा कि भाजपा का जन्म ही राममंदिर के लिए हुआ है। मंदिर निर्माण भाजपा का एजेंडा हो या न हो पर उसे मंदिर निर्माण करवाना पड़ेगा। रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्रदास ने भी मंदिर निर्माण से दूरी बनाए जाने संबंधी बयान को भाजपा नेताओं का झूठ बताया। उन्होंने कहा, भाजपा पहले ही बोल चुकी है कि राममंदिर उसके एजेंडे में है।
मंदिर के लिए प्रस्ताव लाए सरकार : कटियार
अयोध्या : भाजपा नेता विनय कटियार ने सरकार से मांग की है कि वह संसद में रामजन्मभूमि पर मंदिर निर्माण के लिए कानून बनाने का प्रस्ताव पेश करे। यदि सरकार को इस कोशिश में कामयाबी नहीं मिलती है तो भी यह स्पष्ट होगा कि कौन लोग मंदिर के विरोधी हैं और रामभक्त जनता उन्हें सबक सिखाएगी। दिग्गज संत स्वामी रामवल्लभाशरण को श्रद्धांजलि देने रामवल्लभाकुंज पहुंचे कटियार दैनिक जागरण से मुखातिब थे। उन्होंने 24 नवंबर को शिवसेना व 25 नवंबर को विहिप के कार्यक्रम में आने वाले रामभक्तों से कानून-व्यवस्था का सवाल खड़ा होने की आशंका खारिज की और कहा, वे आएंगे और मंदिर निर्माण का संकल्प लेने के साथ दर्शन-पूजन करेंगे।
रामलला का टेंट में वास यानी विरोधियों का नाश
कटियार ने दावा किया कि राममंदिर के साथ काशी विश्वनाथ, कृष्णजन्मभूमि एवं दिल्ली स्थित जमुनादेवी मंदिर सहित देश के 40 हजार हिंदू धर्मस्थलों को बलात इस्लामिक आस्था के केंद्र में बदल दिया गया था और निकट भविष्य में इन स्थलों की वापसी के लिए हिंदू समाज कदम बढ़ाएगा। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, रामलला जितने दिन टेंट में रहेंगे, उतने दिन अपने विरोधियों का नाश करते रहेंगे। ठीक उसी तरह जैसे त्रेता में वनवास के दौरान भगवान राम ने रावण का संहार किया था।