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रामनगरी में तड़के से ही बजा भोले की भक्ति का डंका

सावन माह और सोमवार के योग में भक्ति का चरम परिभाषित. सरयूतट से नागेश्वरनाथ सहित नगरी का बड़ा हिस्सा भक्तों के आगोश में रहा .

By JagranEdited By: Published: Mon, 09 Aug 2021 11:59 PM (IST)Updated: Mon, 09 Aug 2021 11:59 PM (IST)
रामनगरी में तड़के से ही बजा भोले की भक्ति का डंका
रामनगरी में तड़के से ही बजा भोले की भक्ति का डंका

अयोध्या : रामनगरी में तड़के से भोले की भक्ति का डंका बजा। शिव के प्रति समर्पित सावन माह एवं सोमवार के योग में भक्ति का चरम परिभाषित हुआ। भोले के भक्तों की पांत विभिन्न मार्गों पर पूर्व संध्या से ही उन्मुख थी और रामनगरी में श्रद्धा के सैलाब की तरह विसर्जित हो रही थी। सोमवार की दस्तक के साथ श्रद्धालुओं के सैलाब ने नए सिरे से अंगड़ाई ली। शुरुआत सरयू स्नान से हुई। मठ-मंदिरों और सार्वजनिक स्थलों पर डेरा जमाए श्रद्धालु सरयू की ओर ऐसे बढ़े जैसे विभिन्न नदियां आस्था के महानद में विसर्जित होने को बेकरार हों। दिन चढ़ने के साथ भोले के भक्तों की आस्था चटख होती गई। संत तुलसीदासघाट, लक्ष्मणघाट सहित कई अन्य घाटों पर सरयू स्नान का सिलसिला दोपहर तक चला।

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सरयू स्नान के बाद श्रद्धालुओं का जत्था पौराणिक महत्व की पीठ नागेश्वरनाथ की ओर बढ़ा। श्रद्धालुओं का गहन प्रवाह प्रशासनिक अधिकारियों एवं पुलिस के जवानों की घंटों परीक्षा लेता रहा। भोर के कुछ घंटे तक बाबा के दरबार में रह-रह कर श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ रहा था। भीड़ के दबाव का सामना करते भक्त किसी तरह बाबा के सम्मुख पहुंचकर दूध अथवा सरयू जल से अभिषेक कर रहे थे। अगले पल उन्हें निकासद्वार की ओर बढ़ने को विवश होना पड़ रहा था। आस-पास के जिलों के श्रद्धालुओं की आस्था के केंद्र में यदि नागेशवरनाथ मंदिर था, तो एक अन्य पौराणिक पीठ क्षीरेश्वरनाथ स्थानीय श्रद्धालुओं की आस्था के केंद्र में थी। यहां भी तड़के से भक्तों का तांता लगा। दिन ढलते ही अभिषेक का सिलसिला थमा और बाबा को भांति-भांति के फूलों एवं पुष्पलड़ियों से सज्जित किया गया। इसी के साथ ही बाबा की शोभा शिरोधार्य करने के लिए भक्तों की नई पांत उमड़ी। इस दौरान कोटेश्वरनाथ महादेव, पंचमुखी महादेव, विघ्नेश्वरनाथ महादेव मंदिर आदि भी आस्था के केंद्र में रहे।

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भोले के सभी प्रमुख 12 रूपों की उपासना

-रामलला के दर्शन मार्ग पर स्थित लवकुश मंदिर में आस्था की इंद्रधनुषी छटा बिखरी। यहां बाबा के सभी 12 रूपों की स्थापना है। 11 स्वरूप किनारों पर हैं और मध्य में रामेश्वरम के रूप में स्फटिक का अतिमोहक शिवलिग स्थापित है। सावन के तीसरे सोमवार के अवसर पर महंत रामकेवलदास के संयोजन में बाबा को घट स्नान कराया गया। किसी घट में सरयू जल था, तो किसी में दूध एवं दही तथा बाबा का अतिप्रिय भांग एवं धतूरा का क्वाथ भी बाबा को अर्पित किया गया। आचार्य आदित्यनारायण एवं द्विजेंद्रनारायण सहित कई अन्य वैदिक आचार्यों के मार्गदर्शन में बाबा के अभिषेक का क्रम करीब तीन घंटे तक चला।

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70 दंपतियों ने किया सामूहिक अभिषेक

- सरयू के गुप्तारघाट तट स्थित पंचमुखी हनुमान मंदिर में 70 दंपतियों ने सामूहिक रूप से रुद्राभिषेक किया। कार्यक्रम का संयोजन रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपालदास के उत्तराधिकारी महंत कमलनयनदास एवं मंदिर के व्यवस्थापक विमलकृष्णदास ने किया। इस मौके पर रामवल्लभाकुंज के अधिकारी राजकुमारदास, पत्थर मंदिर के महंत मनीषदास, विधायक वेदप्रकाश गुप्त, जिला पंचायत अध्यक्ष रोली सिंह एवं उनके पति आलोक सिंह रोहित, एसपी सिटी विजयपाल सिंह आदि प्रमुख रूप से मौजूद रहे।


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