मंदिर के लिए गैर राजनीतिक मंच बना रही शिवसेना
अयोध्या (फैजाबाद) : पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे की प्रस्तावित अयोध्या यात्रा की तैयारियों को अंतिम
अयोध्या (फैजाबाद) : पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे की प्रस्तावित अयोध्या यात्रा की तैयारियों को अंतिम रूप देने सोमवार को रामनगरी पहुंचे शिवसेना के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं राज्यसभा सदस्य संजय राउत ने विहिप पर तंज कसा। उन्होंने कहा कि शिवसेना ने दशहरा रैली में ही उद्धव ठाकरे की अयोध्या यात्रा की घोषणा कर दी थी। विहिप, आरएसएस, भाजपा को यदि धर्मसभा के लिए वही मुहूर्त मिला है, तो हम स्वागत करते हैं लेकिन उससे कोई फायदा नहीं होने वाला है। राउत ने कहा, यदि वे चाहते तो 25 नवंबर के बाद भी कार्यक्रम कर सकते थे। उन्होंने स्पष्ट किया कि शिवसेना राममंदिर के लिए एक गैर राजनीतिक मंच बनाने का प्रयास कर रही है और ऐसे में वे हमसे बात-चीत कर सकते थे। उन्होंने विहिप के प्रति नरमी भी बरती। कहा, हम यह नहीं दिखाना चाहते कि ¨हदुत्ववाद में कोई फूट पड़ी है। राउत ने कहा, हम संतों-धर्माचार्यों का सम्मान करेंगें और दोनों कार्यक्रम शांतिपूर्ण निपट जाएं, यही रामलला से प्रार्थना होगी। हमारी विहिप के साथ कोई स्पर्धा नहीं है। उन्होंने कहा, धर्मसभा में विहिप एक लाख लोगों को जुटाने की तैयारी में है लेकिन राममंदिर निर्माण के कार्य में इतने लोगों की जरूरत नहीं है। राममंदिर निर्माण के लिए अध्यादेश की एक लाइन का प्रस्ताव ही पर्याप्त है। शिवसेना प्रवक्ता ने कहा, 25 साल पहले जो शक्ति प्रदर्शन ¨हदुओं को करना था, वह कर दिया। कलंक मिटा दिया गया है। सरकार अब यदि अध्यादेश नहीं ला रही है, तो मैं कहूंगा कि यहां शक्ति दिखाने के बजाए विहिप, भाजपा व संघ के भाई सुप्रीमकोर्ट के सामने जाकर दिखाएं या ये शक्ति ¨हदुस्तान की संसद में जाकर दिखाएं। यहां शक्ति प्रदर्शन करने से राममंदिर बनेगा न रामराज्य आएगा। शिवसेना प्रवक्ता ने अयोध्या दौरे के दौरान लक्ष्मणकिला परिसर के उस विशाल मैदान का जायजा लिया, जहां 24 नवंबर को उद्धव ठाकरे संतों को सम्मानित करेंगे। संजय राउत ने लक्ष्मण किलाधीश महंत मैथिलीरमणशरण सहित कुछ अन्य संतों से भेंट करने के साथ सहस्त्रधाराघाट स्थित सरयू तट का जायजा लिया, जहां 24 नवंबर की शाम शिवसेना प्रमुख पुण्यसलिला की आरती करेंगे। इस दौरान राउत के साथ समाजसेवी अमरनाथ मिश्र, शिवसेना के प्रांतीय उपाध्यक्ष अभय द्विवेदी आदि सहित पार्टी से जुड़े अनेक पदाधिकारी थे।