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After Ayodhya Verdict: अयोध्या में शिया वक्फ बोर्ड बनवाएगा प्रभुराम चिकित्सालय, इस परिसर में होगा सर्वधर्म समभाव Ayodhya News

शिया वक्फ बोर्ड पांच एकड़ जमीन पर प्रभु राम चिकित्सालय बनवाएगा। इस संबंध में बोर्ड की ओर से सरकार को प्रस्ताव भेजा जाएगा।

By Divyansh RastogiEdited By: Published: Fri, 29 Nov 2019 12:34 PM (IST)Updated: Fri, 29 Nov 2019 12:34 PM (IST)
After Ayodhya Verdict: अयोध्या में शिया वक्फ बोर्ड बनवाएगा प्रभुराम चिकित्सालय, इस परिसर में होगा सर्वधर्म समभाव Ayodhya News
After Ayodhya Verdict: अयोध्या में शिया वक्फ बोर्ड बनवाएगा प्रभुराम चिकित्सालय, इस परिसर में होगा सर्वधर्म समभाव Ayodhya News

अयोध्या, जेएनएन। राम जन्मभूमि स्‍थल अयोध्‍या पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद शिया वक्फ बोर्ड पांच एकड़ जमीन पर प्रभु राम चिकित्सालय बनवाएगा। इस चिकित्सालय में मंदिर, मस्जिद, गिरजाघर व गुरुद्वारा भी बनाया जाएगा। इस संबंध में बोर्ड की ओर से सरकार को प्रस्ताव भेजा जाएगा। शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड का मानना है कि यह अस्पताल समाज के सभी वर्गों के काम आएगा। अस्पताल का निर्माण राम के नाम पर होगा। शिया वक्फ बोर्ड के सदस्य अशफाक जिया ने गुरुवार को महापौर ऋषिकेश उपाध्याय व गोसाईंगंज के विधायक इंद्रप्रताप तिवारी उर्फ खब्बू से भेंट कर प्रस्ताव के बारे में चर्चा की। 

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महापौर से शहर की वक्फ संपत्तियों के सुंदरीकरण की मांग भी की गई है। अशफाक जिया ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर राजधानी में बुधवार को हुई शिया वक्फ बोर्ड की बैठक के बारे में भी महापौर व विधायक को जानकारी दी तथा मंदिर बनाने के फैसले का स्वागत किया। वक्फ बोर्ड इस आदेश के विरुद्ध रिव्यू नहीं दायर करने का निर्णय ले चुका है। यह भी तय किया गया कि अगर सुन्नी वक्फ बोर्ड पांच एकड़ जमीन नही लेता है, तो शिया वक्फ बोर्ड सरकार से इस जमीन की मांग करेगा, जिसमें प्रभुराम चिकित्सालय व सर्वधर्मस्थान बनाया जाएगा। 

 

अयोध्या निर्णय के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर नहीं करेगा शिया वक्फ बोर्ड

शिया वक्फ बोर्ड की बुधवार को हुई बैठक में तय किया गया कि सुन्नी वक्फ बोर्ड यदि किन्ही कारणों से पांच एकड़ जमीन लेने से मना करता है तो वह इसके लिए दावेदारी करेगा। बोर्ड वहां पर एक अस्पताल बनाने का प्रस्ताव ला सकता है। शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिजवी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई बैठक में कुल सात सदस्यों में से पांच शामिल हुए। सभी सदस्यों को बताया गया कि 1946 में शिया वक्फ बोर्ड जो मुकदमा हारा था, उसकी अपील सुप्रीम कोर्ट में 71 साल बाद की गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने यह अपील देरी से दाखिल करने के कारण खारिज कर दी थी। बैठक में यह भी तय हुआ कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ बोर्ड पुनर्विचार याचिका दाखिल नहीं करेगा।

यह भी पढ़ें : After Ayodhya Verdict : सुन्नी वक्फ बोर्ड मना करेगा तो शिया वक्फ बोर्ड करेगा पांच एकड़ जमीन पर दावेदारी

बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिजवी ने बताया कि सभी का मानना है कि जो फैसला सुप्रीम कोर्ट ने दे दिया वह अंतिम है। राम जन्म भूमि-बाबरी मस्जिद विवाद का अंत राष्ट्रहित में है। इस कारण किसी भी तरह की पुनर्विचार याचिका दाखिल करने का कोई मतलब नहीं है। हम मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की पुनर्विचार याचिका दाखिल करने के फैसले से सहमत नहीं है। पांच एकड़ जमीन का फैसला भी सर्वसम्मति से लिया गया है। बैठक में वसीम रिजवी के अलावा मौलाना आजिम हुसैन, वली हैदर, अशफाक हुसैन उर्फ जिया व सुश्री अफशा जैदी शामिल हुईं। 


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