दोनों ध्रुवों पर जाने वाले एक मात्र विज्ञानी प्रो. जसवंत
प्रो. सिंह के दो शोध छात्र भी जा चुके हैं आर्कटिक
अयोध्या : डा. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के पर्यावरण विज्ञान विभाग के प्राध्यापक प्रो. जसवंत सिंह राज्य विश्वविद्यालयों में अकेले ऐसे विज्ञानी हैं, जिन्होंने पृथ्वी के दोनों ध्रुवों पर जाकर शोध कार्य किया है। वे उत्तरी ध्रुव आर्कटिक और दक्षिणी ध्रुव अंटार्कटिका जा चुके हैं। वहां उन्होंने 'पराबैगनी किरणों का ध्रुवों पर पाए जाने वाले पौधों पर प्रभाव एवं उनमें अनुकूलनशीलता' विषय पर शोध कार्य किया है। खास बात यह है कि सिर्फ वे ही नहीं, बल्कि उनके दो शोध छात्र भी अंटार्कटिका जा चुके हैं। वर्ष 2005 में उनके शोध छात्र संदीप गौतम व 2006 में रुद्रप्रताप सिंह अंटार्कटिका गए थे। उनकी उपलब्धियों पर सिर्फ विवि ही नहीं, बल्कि जिले को भी गर्व है।
प्रो. सिंह वर्ष 2002 व 2004 में अंटार्कटिका अभियान दल का हिस्सा रहे थे। इसके बाद वर्ष 2018 में वे उत्तरी ध्रुव आर्कटिक गए थे। उनके निर्देशन में विवि के इंस्टीट्यूट आफ अर्थ एवं इन्वायरमेंटल साइंस में एडवांस अंटार्कटिका इनवायरमेंटल शोध केंद्र की स्थापना भी की गई है। यह प्रदेश का पहला ऐसा शोध केंद्र है, जहां बर्फीले रेगिस्तान की विषम जलवायु परिस्थितियों को समझने का मौका मिल रहा था। इस केंद्र में अंटार्कटिका से लाए गए पौधों, जल व मृदा को रखा गया था। हालांकि, कोरोना की दूसरी लहर में यह लैब भी प्रभावित रही। अब इसे धीरे-धीरे पटरी पर लाने का प्रयास किया जा रहा है।
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वर्ष 2002 से हो रहा शोध
-अविवि के पर्यावरण विज्ञान विभाग में अंटार्कटिका के पौधों पर वर्ष 2002 से ही शोध कार्य चल रहा है। अंटार्कटिका पर काउंसिल ऑफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च की एक, राष्ट्रीय ध्रुवीय एवं समुद्री अनुसंधान केंद्र गोवा की दो व यूजीसी की एक परियोजना पूरी हो चुकी है।
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पर्यावरण संरक्षण के लिए चलाते हैं मुहिम
प्रो. जसवंत सिंह की पहचान सिर्फ शोध कार्यों के लिए ही नहीं, बल्कि पर्यावरण संरक्षण की मुहिम के लिए भी है। वे प्रत्येक वर्ष विश्व पर्यावरण दिवस पर पांच जून को पौधारोपण व गोष्ठियों का आयोजन करते है। इसके साथ ही वे अन्य विशिष्ट अवसरों पर पौधारोपण का अभियान चलाते हैं। वे अपने इस अभियान में विद्यार्थियों के साथ विशिष्टजनों को भी शामिल करते हैं।