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भोले के भक्तों की भक्ति से सराबोर रही रामनगरी

अयोध्या : सावन का तीसरा सोमवार भी भोले के भक्तों का उत्साह बयां करने वाला रहा। तड़के से ह

By JagranEdited By: Published: Tue, 14 Aug 2018 12:05 AM (IST)Updated: Tue, 14 Aug 2018 12:05 AM (IST)
भोले के भक्तों की भक्ति से सराबोर रही रामनगरी
भोले के भक्तों की भक्ति से सराबोर रही रामनगरी

अयोध्या : सावन का तीसरा सोमवार भी भोले के भक्तों का उत्साह बयां करने वाला रहा। तड़के से ही भक्त बाबा के मंदिरों की ओर उमड़े। अधिकांश श्रद्धालुओं ने बाबा का अभिषेक करने से पूर्व पुण्यसलिला सरयू में डुबकी लगाई। यह सिलसिला पूर्वाह्न तक चला। स्नान के बाद श्रद्धालुओं का रेला सरयू तट से ही लगे पौराणिक महत्व के मंदिर नागेश्वरनाथ की ओर उन्मुख हुआ। पौराणिक महत्व के एक अन्य शिव मंदिर क्षीरेश्वरनाथ सहित बाबा के अधिकांश मंदिर भक्तों से गुलजार रहे। भीड़ नियंत्रित करने के लिए पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारी मेला क्षेत्र का जायजा लेते रहे। सुरक्षा और भीड़ नियंत्रण के लिए आठ एसओ, 40 दारोगा, इतनी ही महिला सिपाही, 100 पुरुष सिपाही, एक कंपनी पीएसी एवं एक कंपनी जलवाहिनी तैनात थी। श्रद्धालुओं का सर्वाधिक दबाव सरयू तट से नागेश्वरनाथ मंदिर के बीच था। इस क्षेत्र में भीड़ के दबाव से निपटने के लिए प्रशासनिक अधिकारियों एवं पुलिस के जवानों को एड़ी-चोटी का जोर लगाना पड़ा। नागेश्वरनाथ मंदिर में दिन चढ़ने के साथ भीड़ का दबाव कुछ कम पड़ा पर बाबा के अभिषेक का क्रम पूरे दिन चला। हनुमानगढ़ी, कनकभवन, रामजन्मभूमि आदि प्रमुख मंदिर पर पूरे दिन भोले के भक्तों का तांता लगा रहा। 'रामकथा का निहितार्थ आत्मसात करें'

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-सावन में रामकथा की धार भी प्रवाहित हो रही है। रामघाट स्थित रामचरितमानस भवन में रामकथा का क्रम आगे बढ़ाते हुए जगद्गुरु रामानुजाचार्य डॉ. राघवाचार्य ने कहा, चैत्र शुक्ल पक्ष नवमी का मुहूर्त रामजन्म के साथ रामकथा की अप्रतिम सलिला रामचरितमानस के भी जन्म का मुहूर्त है। उन्होंने बताया, रामराज की स्थापना के लिए भगवान राम के चरित्र का अवगाहन ही सर्वश्रेष्ठ सुफल साधन है। रामराज में कोई दुखी और दरिद्र नहीं था, वर्तमान में इस आदर्श को साकार करने का प्रयत्?न करें। उन्होंने चरित्र निर्माण पर जोर दिया और कहा कि कथा मात्र श्रवण के लिए ही नहीं है बल्कि उसका निहितार्थ आत्मसात करना होगा। उन्होंने कहा कि कथा की सर्वाधिक सार्थकता यही है कि हम राम, हनुमान, भरत जैसे शुभ्र चरित्र को निकट भविष्य में अपने बीच पा सकें।

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सामाजिक सदभाव के लिए पार्थिव पूजन

- फैजाबाद : जमथरा स्थित श्री सीताराम मंदिर में माधव सेवा समिति की ओर से पार्थिव शिव¨लग पूजन एवं रुद्राभिषेक का कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन रामवल्लभाकुंज के अधिकारी राजकुमारदास ने किया। सामूहिक रूद्राभिषेक के बाद समिति की ओर से भंडारे का आयोजन किया गया। समिति के अध्यक्ष डॉ. उमाशंकर ¨सह ने बताया कि सामूहिक पार्थिव शिव¨लग पूजन कार्यक्रम में 55 परिवारों ने समाज में सछ्वाव व देश की उन्नति के लिए के लिए भोलेनाथ से प्रार्थना की। कार्यक्रम में विधायक के पुत्र अमल गुप्त, विनीत वाजपेई, आचार्य राघवेंद्रदास, सुधाकर पांडेय, पंडित सुदीप शास्त्री, मुकेश श्रीवास्तव, आत्मानंद, अजय शर्मा, व्यापारी नेता देवेंद्र मिश्र दीपू, पंकज तिवारी, संदीप वैश्य आदि प्रमुख रूप से शामिल हुए।

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मुख्यमंत्री के आभारी हैं कांवड़िए

-कांवड़ियों के प्रति मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का रुख असर दिखाने लगा है। इसी जिला के गोसाईंगंज बाजार के रहने रामभवन दिल्ली के इंटीरियर डेकोरेटर हैं पर सावन में वे अयोध्या आना नहीं भूलते। सरयू के जल से पहले वे नागेश्वरनाथ का अभिषेक करते हैं और फिर कटेहरी स्थित शिवबाबा के लिए जल लेकर वापस लौटते हैं। वे कहते हैं, गत 15 साल से वे कांवड़ लेकर चलते हैं पर आज जो सुविधा है, वैसी कभी नहीं थी। जौनपुर के ग्राम खैरुद्दीनपुर के विष्णु, इसी जिला के शाहगंज बाजार के संतोष कुमार एवं बहराइच के ग्राम जगदापुर निवासी राजकुमार तिवारी पूर्व के वर्षों से कांवड़ के साथ बाबा का अभिषेक करने एवं सरयू जल लेने अयोध्या आते हैं पर इस बार न केवल अयोध्या में बल्कि रास्ते में उनका जत्था जहां से गुजरा सम्मान की नजर से देखा गया और इसके लिए वे मुख्यमंत्री के प्रति आभार जताना भी नहीं भूलते।

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गहनागन मंदिर पर उमड़े श्रद्धालु मिल्कीपुर : क्षेत्र के ऐतिहासिक गहनागन मंदिर पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जमा हुई। हजारों की संख्या में भक्तों ने गहनागन मंदिर पर दर्शन कर पुण्य कमाया। यहां एक से डेढ़ लाख की संख्या में श्रद्धालु फैजाबाद के साथ अमेठी, सुल्तानपुर, बाराबंकी, अकबरपुर, रायबरेली जिला तक से आते हैं। ¨कवदंती है कि सर्पदंश पीड़ित व्यक्ति को मंदिर लाकर और मंदिर की भभूत खिलाकर सात फेरे लगवाने से सर्प विष का प्रभाव खत्म हो जाता है। जिस स्थान पर सांप अधिक निकलता हो वहां पर मंदिर से सरसों ले जाकर छींटने पर सांप का प्रभाव कम हो जाता है। मंदिर पर प्रसाद के रूप में भक्तजन इलाइचीदाना, फूल और मीठा चढ़ाते हैं। जिले और आसपास के किसान अपनी फसल से गेहूं और सरसों को लाकर मंदिर पर चढ़ाते हैं। पुलिस अधीक्षक ग्रामीण संजयकुमार ने बताया कि मेले का भ्रमण कर सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया गया। थानाध्यक्ष इनायतनगर दुर्गेश मिश्रा पुलिस और पीएसीबल के साथ सुरक्षा व्यवस्था में पूरे सावन माह के लिए जुटे हैं।


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