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रोडवेज बस आगजनी मामले में विवेचक सीडी समेत तलब

क लिपिकीय त्रुटि के कारण अभियुक्तों का रिमांड धारा 436 आइपीसी (आगजनी) के तहत दे दिया गया जबकि यह याचना नही की गई थी। अधिवक्ता ने दलील दी कि यह धारा चल संपत्ति के मामले में लागू ही नही होती।

By JagranEdited By: Published: Thu, 18 Apr 2019 11:56 PM (IST)Updated: Thu, 18 Apr 2019 11:56 PM (IST)
रोडवेज बस आगजनी मामले में विवेचक सीडी समेत तलब
रोडवेज बस आगजनी मामले में विवेचक सीडी समेत तलब

अयोध्या : हिस्ट्रीशीटर ब्रिजेश सिंह उर्फ बिरजन सिंह की हत्या के बाद उपद्रव व रोडवेज बसों की आगजनी के मामले में कोर्ट ने विवेचक को केस डायरी समेत तलब किया है। 20 अप्रैल को मामले की सुनवाई होगी। अभियुक्तों की ओर से मार्तंड प्रताप सिंह ने रिमांड में चूक की अर्जी दी है।

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बीते 11 अप्रैल को मवई चौराहे पर हुए उपद्रव के मामले में दो प्राथमिकी थाने में दर्ज कराई गई है। पहली प्राथमिकी हाईवे चौकी प्रभारी दीपेंद्र विक्रम सिंह तथा दूसरी प्राथमिकी एआरएम रोडवेज नंदकिशोर चौधरी ने दर्ज कराई है। पुलिस ने पहले मामले में अभियुक्तों बृजेश, सुरजीत, अमृतलाल, पिटू, धर्मेंद्र, अनुपम व पुष्पेंद्र को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। विवेचक कन्हैया कुमार ने 15 अप्रैल को दूसरे मामले में भी न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वितीय से रिमांड की याचना की थी। अर्जी के मुताबिक लिपिकीय त्रुटि के कारण अभियुक्तों का रिमांड धारा 436 आइपीसी (आगजनी) के तहत दे दिया गया, जबकि यह याचना नहीं की गई थी। अधिवक्ता ने दलील दी कि यह धारा चल संपत्ति के मामले में लागू ही नहीं होती।


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