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दो करोड़ टैक्स की बकाएदार 138 बसों की आरसी सरेंडर

दो करोड़ से अधिक के टैक्स के बकायेदर 138 बसों के स्वामियों ने आरसी समेत समस्त प्रपत्र परिवहन विभाग में सरेंडर कर दिए .परिवहन निगम की 105 और 33 निजी बसों ने नहीं जमा किया बकाया अतिरिक्त कर.

By JagranEdited By: Published: Thu, 02 Jul 2020 12:22 AM (IST)Updated: Thu, 02 Jul 2020 06:03 AM (IST)
दो करोड़ टैक्स की बकाएदार 138 बसों की आरसी सरेंडर
दो करोड़ टैक्स की बकाएदार 138 बसों की आरसी सरेंडर

अयोध्या: दो करोड़ से अधिक के टैक्स के बकायेदर 138 बसों के स्वामियों ने आरसी समेत समस्त प्रपत्र परिवहन विभाग में सरेंडर कर दिए हैं। इनमें परिवहन निगम की 105 और 33 निजी बसें शामिल हैं। इन पर 29 फरवरी के बाद से चार माह का एडिशनल टैक्स (अतिरिक्त कर) बकाया है। जब तक बकाया टैक्स नहीं जमा होगा, परिवहन विभाग इन बसों के संचालन की अनुमति नहीं प्रदान करेगा।

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परिवहन विभाग ने 15 दिन के अंदर सभी बकायेदारों को टैक्स जमा करने का निर्देश दिया है। वहीं बस स्वामी यह उम्मीद लगाए बैठे हैं कि सरकार अतिरिक्त कर माफ कर देगी, जिसके पीछे लॉकडाउन की अवधि में बंद रहे बसों के संचालन का हवाला दिया जा रहा है। सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी नंदकुमार ने बताया कि मंगलवार की देररात्रि तक यह प्रक्रिया पूर्ण कराई गई।

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- रोडवेज की 62 बसों का संचालन बंद, यात्रियों के समक्ष संकट

: परिवहन निगम के अयोध्या डिपो की कुल 137 बसों में से 62 बसों का संचालन बुधवार से बंद हो गया। इनमें 18 अनुबंधित बसें भी शामिल हैं। चार एसी बसों में से तीन कानपुर वापस भेज दी गईं। एआरएम महेश कुमार ने बताया कि बची सिर्फ एक एसी बस झांसी रूट पर संचालित होगी, शेष 74 साधारण बसों को विभिन्न रूट पर संचालित किया जाएगा। बसों की संख्या घट जाने से यात्रियों के सामने बड़ा संकट खड़ा हो गया है। ट्रेनें पहले से बंद है, ऐसे में बसों की संख्या घटने से सीधा असर लोगों पर पड़ेगा। अयोध्या पर्यटन ही नहीं धार्मिक आस्था का केंद्र है। यहां बड़ी संख्या में यात्रियों, श्रद्धालुओं का आना-जाना होता है। पूर्व में यहां से चलनी वाली बसें सीधे धार्मिक नगरियों को जोड़ती थी। 40 फीसदी से अधिक बसों का संचालन बंद होने से धार्मिक नगरियों की कनेक्टिविटी पर भी सवाल खड़ा हो गया है।


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